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Air Pollution से मास्क भी नहीं बचा पाएगा आपको अगर कर रहे ये गलती, जानिए कैसे डिमेंशिया का है खतरा और क्या करें

Air Pollution: एयर पॉल्यूशन की वजह से सबसे ज्यादा डिमेंशिया का रिस्क होता है और ऐसे में डॉक्टर यह कहती हैं कि मास्क पहनकर भी आप सुरक्षित नहीं है। अगर आप इस बात का ख्याल नहीं रखते हैं। आइए जानते हैं डॉक्टर की राय।

Air Pollution
Photo Credit- Google Air Pollution

Air Pollution: दिल्ली में एयर पॉल्यूशन की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। अगर समय रहते इस पर ध्यान ना दिया जाए तो डिमेंशिया जैसी बीमारी के खतरे आप पर भी हो सकते हैं। यह हम नहीं बल्कि डॉक्टर प्रियंका सेहरावत ने एक वीडियो शेयर कर बताया है। यह भी कहा है कि अगर मास्क पहनने से अब आप यह समझ रहे हैं कि आपको एयर पॉल्यूशन का खतरा नहीं है तो शायद आप गलत हैं। मास्क पहनने को लेकर जरूरी जानकारी देते हुए डॉक्टर ने लोगों को सचेत किया है। आइए जानते हैं क्या है एक्सपर्ट की राय जो आपके लिए मददगार है।

प्रदूषण से नहीं बचा पाएगा आपको मास्क

डॉ प्रियंका कहती है कि अगर आप ब्लू मास्क पहन रहे हैं और यह सोच रहे हैं कि यह आपको एयर पॉल्यूशन से बचा लेगा। एयर पॉल्यूशन का हेल्थ रिस्क होता है 2.5 पार्टिकल्स लेकिन ब्लू मॉस्क आपको इससे सुरक्षित नहीं करता है। अगर आप सर्जिकल मास्क पहनकर यह सोच रहे हैं कि एयर पॉल्यूशन का खतरा पर नहीं है तो आप गलत है। आप इस तरह रिस्क पर हैं। इसके अलावा डॉक्टर यह भी कहती हैं कि अगर आप कपड़े का मास्क पहन कर यह समझ रहे हैं कि आप पर प्रदूषण का खतरा नहीं है तो भी आप गलत है। यह पार्टिकल्स को इन्हेल करने से नहीं रोक सकता है।

Air Pollution से बचाव के लिए पहनें ये मास्क

इसके साथ ही डॉक्टर प्रियंका यह भी कहती है कि एयर पॉल्यूशन से बचाव के लिए आपको एन 95 या एन 99 मास्क को पहनने की जरूरत है जो आपको एयर पॉल्यूशन से बचा सकता है। यह 2.5 पार्टिकल्स को फिल्टर करता है।

कैसे डिमेंशिया के रिस्क पर हैं आप

इसके अलावा डॉक्टर प्रियंका एक वीडियो को शेयर कर कहती हैं कि एयर पॉल्यूशन की वजह से दिमाग पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। वार कहती है कि दिल्ली में एक्यूआई का लेवल हर दिन पार कर रही है। यह हेल्थ के लिए काफी खराब होता है। यह सिर्फ लंग्स के लिए नहीं बल्कि ब्लड में जाते हैं और उसके बाद हमारे दिमाग में पहुंचते है। डिमेंशिया का रिस्क बढ़ जाता है। ऐसे में डॉक्टर कहती हैं कि बाहर जाने से जहां तक हो सके बचें। बच्चे और बुजुर्ग को ज्यादा से ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है।

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