World AIDS Day 2025: दुनियाभर में 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस खास और महत्वपूर्ण दिन पर एड्स से जुड़ी हुई कई गलत धारणाओं को दूर करना, लोगों के बीच जागरुकता फैलाना और इसके लिए इलाज को बेहतर करना मुख्य उद्देश्य है। साथ ही इस दिन भारत सहित पूरे विश्व में एड्स के खिलाफ लड़ने के लिए एकता और नए कमिटमेंट को दिखाती है। वर्तमान समय में भी एड्स का कोई इलाज नहीं है। ऐसे में इसके प्रति जागरुक रहना बेहद जरूरी है।
World AIDS Day 2025 की थीम बताती है भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में अहम कदम
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विश्व एड्स दिवस 2025 के लिए आधिकारिक नारा तैयार किया गया है। इस साल का नारा है ‘बाधा को दूर करना’। इस साल की थीम काफी कुछ बया करती है। इस साल की थीम में ही इनोवेशन, एकजुटता और बेहतर इलाज के लिए पूर्ण कमिटमेंट नजर आता है। ऐसे में गंभीर बीमारी एड्स के लिए नए खतरों को पूरी तरह से समाप्त करना काफी मुश्किल है। इसके लिए पब्लिक हेल्थ में एड्स को 2030 तक खत्म करने की दिशा में नया कदम माना जा रहा है।
हालांकि, एड्स जैसी गंभीर बीमारी के प्रति जागरुकता बढ़ाने की दिशा में कई चुनौतियों भी हैं। फंडिंग की कमी, कमजोर स्वास्थ्य ढांचा और बढ़ती असमानता और रुके हुए बचाव के उपायों की कड़वी सच्चाई को स्पष्ट रुप से दिखाता है। इससे यह भी साफ होता है कि जब तक एड्स के प्रति सही शिक्षा, उचित हेल्थ सर्विस और अवसरों की कमी रहेगी, तब तक एड्स के प्रसार को रोकना संभव नहीं है।
विश्व एड्स दिवस 2025 के पीछे की क्या है पूरी कहानी
गौरतलब है कि साल 1988 में पहली बार 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया गया था। इस दिन के पीछे एक बड़ी वजह थी कि क्रिसमस की छुट्टियों से दूर यह एक दूर तारीख रखी गई थी। इसके बाद 1996 में इस कार्यक्रम को डब्ल्यूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर यूनाइटिड नेशन्स के विशेष संगठन यूएनएड्स ने संभाल लिया। तब से यूएनएड्स हर साल इसी दिन एड्स के प्रति जागरुकता फैलाने और उसकी रोकथाम के लिए कई प्रयास करता है।
