Ration Card Update: देश के मध्यम वर्ग (middle class) और गरीब वर्ग के लिए केंद्र सरकार (central government) कई तरह की योजनाएं लेकर आती है। सरकार की इन योजनाओं (schemes) के पीछे मकसद होता है कि वह इन योजनाओं के जरिए उनकी आर्थिक तौर पर मदद कर सकें। इसी कड़ी में सरकार ने राशन कार्ड (Ration Card) की सुविधा शुरु कर रखी है। सरकार इस कार्ड के जरिए गरीब और मध्यम वर्ग को सस्ती दरों पर या फिर मुफ्त में अनाज देती है।
मृत लोगों को बांटा गया गेहूं
गौरतलब है कि सरकार की सरकारी योजनाओं में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आती रहती है। ऐसे में इसका सीधा असर ग्राहकों पर पड़ता है। ऐसे में राजस्थान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत बीते दो साल में 1.85 लाख मृत लोगों के नाम पर 88.80 करोड़ का 44 टन का गेहूं उठा लिया गया। ये गेहूं कोरोना काल के दो साल में बांटा गया है।
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अधिकारियों पर उठे सवाल
मृतकों के नाम पर इतना गेहूं आवंटित होने से सीधे तौर पर सरकारी अधिकारियों पर सवाल उठता है। आपको बता दें कि ग्राम विकास अधिकारी,कस्बों-निकायों में निगमों के अधिकारी, जन्म-मृत्यु समेत दस्तावेज रजिस्ट्रार अधिकारी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करता है। ऐसे में राशन कार्ड से मृत व्यक्ति का नाम न हटाना गैर-जिम्मेदाराना है। आपको बता दें कि शहरों की 72 आबादी एनएफएसए से जुड़ी है। इस संबंध में विकास अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वह जल्द ही मृत व्यक्तियों के नामों को पता लगाएं और उनके नामों को राशन कार्ड से हटवाएं।
वन नेशन, वन राशन कार्ड
सनद रहे कि देश में अब तक 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड (ONORC) योजना’ लागू की गई है। करोड़ों लाभार्थी यानी एनएफएसए के तहत आने वाली 86 फीसदी आबादी इस योजना का लाभ उठा रही है। हर महीने करीब 1.5 करोड़ लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने का फायदा उठा रहे हैं।
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