Anurag Dhanda: मालूम हो कि अफगानिस्तान के तालिबानी सरकार के विदेश मंत्री भारत की यात्रा पर है। हालांकि प्रेस वार्ता के दौरान एक फरमान जारी किया गय़ा था, जिसमे महिलाओं को उस प्रेस वार्ता में आने पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर सवाल उठा रहा था कि ऐसा फरमान जारी क्यों किय गया है। इ,ते असावा तालिबान के विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की एंट्री बैन होने पर पत्रकारों के साथ-साथ सोशल मीडिया यूजर्स ने भी गुस्सा जाहिर किया। वहीं अब अनुराग ढांडा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा, चलिए आपको बताते है इससे जुड़ी जानकारी।
तालिबानी फरमान को लेकर आप Anurag Dhanda का फूटा गुस्सा
बता दें कि अफगानिस्तान के तालिबानी सरकार के विदेश मंत्री के प्रेस वार्ता आने पर रोक लगा दी थी। इसी को लेकर आप राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि “प्रेस कांफ्रेंस हिंदुस्तान में और फरमान तालीबान के? पहले पाकिस्तान के सामने और अब तालीबान के सामने। और कितना सरेंडर करोगे मोदी जी”?
https://twitter.com/anuragdhanda/status/1976978460250980845
इसके अलावा कांग्रेस समेत कई विपक्ष की पार्टियों ने इस मुद्दों को लेकर सवाल खड़े किए थे, हालांकि विदेश मंत्रालय ने इस मामले में अपनी सफाई देते हुए कहा था कि इस मामले को लेकर उनका कोई हाथ नहीं है।
तालिबान के राजनीतिक चीफ ने इस मामले पर दी सफाई
पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस से दूर रखने के मुद्दे पर तालिबान के राजनीतिक चीफ सुहैल शाही ने सफाई देते हुए कहा, ‘हमने किसी भी महिला पत्रकार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में आने से नहीं रोका, इसके पीछे तालिबान का कोई हाथ नहीं था। हमारे बारे में बहुत कुछ कहा जा रहा है, लेकिन उन बातों में कोई सच्चाई नहीं है. अफगानिस्तान में भी महिला पत्रकारों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हमारे यहां भी महिलाएं मीडिया संस्थानों में काम कर रही हैं। मुत्ताकी खुद ही महिला पत्रकारों से लगातार मिलते रहते हैं और उनके सवालों का जवाब देने से भी पीछे नहीं रहते हैं। फिर यहां भारत में उन्हें किसी महिला के सवाल पर क्यों ऐतराज होगा?’