कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बवाल थमने का नाम नही ले रहा है। इसी बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ‘पराक्रम दिवस’ कार्यक्रम में बहुत ज्यादा गुस्सा हो गई हैं। इस दौरान ममता बनर्जी ने भाषण देने से साफ इंकार दिया है। उन्होने कहा कि, “ये सरकारी कार्यक्रम है. किसी राजनीतिक पार्टी का कार्यक्रम नहीं है. किसी को आमंत्रित करने के बाद अपमानित करना शोभा नहीं देता” इस दौरान मंच पर ममता बनर्जी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद होते थे।
अपमानित करना ठीक नही है:
पश्चिम बंगाल की सीएम ममत बनर्जी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा इस दौरान उन्होने कहा कि, “ये सरकार का कार्यक्रम है, किसी पार्टी का नहीं है. किसी को बुलाकर अपमानित करना ठीक नहीं है. मुझे लगता है कि सरकार के कार्यक्रम में गरिमा होनी चाहिए. यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है. किसी को आमंत्रित करने के बाद अपमान करना शोभा नहीं देना. विरोध के रूप में, मैं कुछ भी नहीं बोलूंगी.”
कार्यक्रम के दौरान क्या हुआ था:
जब बंगाल की सीएम ममता बनर्जी अपना संबोधन देने जा रही थीं, उसी दौरान जोरजोर से नारे लगने लगे। ममता बनर्जी इसी नारेबाजी को लेकर बेहद खफा थी, वहीं बीजेपी का कहना है कि जब मंच पर ममता बनर्जी को बोलने के लिए आमंत्रित किया गया तो वहां ‘जय श्री राम’ के नारे लगे. इससे वो नाराज हो गई।
बीजेपी ने साधा निशाना:
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस तरह मंच से बिना भाषण दिए चले जाने को लेकर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने निशाना साधते हुए कहा कि, “ममता बनर्जी ने विश्व भारती के शताब्दी समारोह में जाने से इनकार कर रवींद्रनाथ टैगोर की विरासत का अपमान किया. नेताजी की जयंती समारोह के अवसर पर अपना भाषण न देकर उन्होंने ऐसा ही किया है. बंगाल अपने आदर्शों की इस अवहेलना को बर्दाश्त नहीं करेगा”