Bihar Assembly Election 2025: उम्मीदवारों के चयन को लेकर दुविधा में फंसी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। आलम ये है कि कांग्रेस के अपने ही सहयोगी उन्हें नसीहत देने लगे हैं। ताजा मामला शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी की एक टिप्पणी से जुड़ा है।
इंडिया गठबंधन का हिस्सा रही शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस को महाराष्ट्र वाली गलती बिहार में नही दोहराने की नसीहत दी है। प्रियंका चतुर्वेदी ने साफ तौर पर कहा है कि कांग्रेस तेजस्वी यादव को महागठबंधन का चेहरा घोषित करे। कांग्रेस की सहयोगी दल से जुड़ीं प्रियंका चतुर्वेदी की इस मांग के बाद अंदरखाने चर्चाओं का बाजार गरम है।
कांग्रेस को नसीहत देने लगे अपने ही सहयोगी – Bihar Assembly Election 2025
अंदरखाने महागठबंधन में बगावत के सुर उठने लगे हैं। कांग्रेस के सहयोगी दल रहे शिवसेना (यूबीटी) नेत्री प्रियंका चतुर्वेदी ने तेजस्वी यादव को महागठबंधन का चेहरा घोषित करने की सलाह दी है। प्रियंका चतुर्वेदी ने साफ शब्दों में कहा है कि कांग्रेस को महाराष्ट्र वाली गलती बिहार में नहीं करना चाहिए।
सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का मानना है कि तेजस्वी यादव बिहार का लोकप्रिय चेहरा हैं। उन्होंने बतौर डिप्टी सीएम बिहार के युवाओं को नौकरी के अवसर दिए हैं। इससे इतर महागठबंधन की सरकार में बिहार की स्थिति सुधरी थी। शिवसेना सांसद का मानना है कि यदि कांग्रेस तेजस्वी यादव को महागठबंधन का चेहरा घोषित करती है, तो चुनाव में इसका लाभ मिल सकता है।
हालांकि, बिहार कांग्रेस के स्थानीय नेता इस ऐलान के पक्ष में नही हैं। सूबे में पार्टी के अध्यक्ष राजेश राम हों, या अखिलेश प्रसाद सिंह, कन्हैया कुमार, तारिक अनवर, पप्पू यादव जैसे पार्टी के नेता। सभी कांग्रेस की खोई हुई साख वापस कराने के लिए परिश्रम कर रहे हैं और बिना सीएम फेस घोषित किए चुनावी मैदान में जाने को बेताब हैं।
बिहार चुनाव के बीच क्यों आई महाराष्ट्र की याद?
गौरतलब है कि नवंबर 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव संपन्न हुए थे। इस चुनाव में भी महा विकास अघाड़ी में मुख्यमंत्री फेस को लेकर खूब जद्दोजहद हुई। अंतत: एमवीए ने बगैर सीएम फेस घोषित किए चुनावी मैदान में उतरने का फैसला लिया और बुरी तरह खेद रही। एमवीए में कांग्रेस 16, एनसीपी (एशपी) 10 और शिवसेना (यूबीटी) 10 सीटें ही जीत सकी।
वहीं महायुति ने 230+ सीटें जीतकर ऐतिहासिक विजयश्री पताका लहराया। बीजेपी 132, शिवसेना (शिंदे) 57 और एनसीपी (अप) 41 सीटें जीत कर एमवीए को हराने में कामयाब रही थी। शिवसेना (यूबीटी) ने इस हार का ठिकरा कांग्रेस पर फोड़ा था और बगैर सीएम फेस घोषित किए चुनावी मैदान में उतरने को बड़ा ब्लंडर बताया था।
शिवसेना ठाकरे गुट की लगातार मांग थी कि उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाए। हालांकि, कांग्रेस और एनसीपी ने इस मांग को दरकिनार करते हुए चुनावी मैदान में उतरने का फैसला लिया जिसका जिक्र आज हुआ है। प्रियंका चतुर्वेदी ने इसी प्रकरण का जिक्र कर कांग्रेस से बिहार वाली गलती नही दोहराने की बात कही है।