Bihar Exit Poll 2025: तमाम सियासी उठा-पटक के बीच बिहार में मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसके बाद एग्जिट पोल भी सामने आने लगे हैं जिसके आधार पर महागठबंधन को झटका लगते दर्शाया गया है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए संपन्न हुए मतदान के बाद आए एग्जिट पोल की मानें तो एनडीए एकतरफा सरकार बना सकता है।
ज्यादातर एग्जिट पोल एजेंसियों ने रिपोर्ट जारी कर एनडीए को बहुमत का आंकड़ा पार करते दर्शाया है। ऐसे में सवाल है कि क्या कांग्रेस नेता राहुल गांधी का ‘वोट चोरी’ कैंपेन मतदाताओं को रास नहीं आया? यदि एग्जिट पोल सही साबित होते हैं, तो महागठबंधन के हार का ठिकरा किस पर फोड़ा जा सकता है? इससे इतर भी कुछ अन्य सवाल हैं जिनका जवाब ढूंढ़ने की कोशिश की जाएगी।
एकतरफा जीत की ओर अग्रसर एनडीए – Bihar Exit Poll 2025
बगैर किसी लाग-लपेट के ज्यादातर पोल एजेंसियों ने एनडीए को स्पष्ट बहुमत दिया है। एग्जिट पोल के मुताबिक बिहार में एनडीए स्पष्ट रूप से बहुमत के आंकड़े को पार कर सकता है। चणक्य ने जहां एनडीए को 130-138 और महागठबंधन को 100-108 सीट मिलने का अनुमान जताया है। पीपुल्स प्लस की मानें तो एनडीए 133-159 और महागठबंधन 75-101 सीटों पर जीत हासिल कर सकता है।
वहीं पोलस्ट्रेट, जेवीसी, मैट्रिक्स और पीपल्स इंसाइट जैसी पोल एजेंसियों ने भी एनडीए को पूर्ण बहुमत मिलने के आसार व्यक्त किए हैं। एग्जिट पोल की मानें तो नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला गठबंधन एक बार फिर बिहार में सत्ता के शीर्ष पर पहुंच सकता है। वहीं तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन के हिस्से निराशा लग सकती है।
क्या मतदाताओं को नहीं रास आया राहुल गांधी का ‘वोट चोरी’ कैंपेन?
यदि एग्जिट पोल सही साबित होते हैं, तो ये सवाल उठना तय है। राहुल गांधी विपक्ष के सबसे बड़े नेता हैं जिन्होंने चुनाव आयोग को भर-भरकर निशाने पर लिया है। नेता प्रतिपक्ष ने बकायदा बिहार के अलग-अलग हिस्सों का दौरा कर वोट अधिकार यात्रा की और आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया। राहुल गांधी के विचारों को कांग्रेस ने प्रमोट किया और बिहार में बढ़-चढ़कर ‘वोट चोरी’ अभियान की चर्चा हुई।
अंतत: तेजस्वी यादव भी इस कतार में शामिल हो गए और मतदाताओं के बीच ‘वोट चोरी’ का जिक्र कर चुनाव आयोग पर निशाना साधते नजर आए। ये सारे प्रयास विपक्ष द्वारा सत्ता के शीर्ष तक पहुंचने की कोशिश के रूप में किए गए। हालांकि, एग्जिट पोल ये दर्शाता है कि मतदाताओं को राहुल गांधी का ‘वोट चोरी’ कैंपेन रास नहीं आया है। 14 नवंबर को सभी 243 सीटों पर नतीजों के ऐलान के साथ तस्वीर और साफ हो जाएगी। इसके बाद ये स्पष्ट हो जाएगा कि मतदाताओं को वोट चोरी कैंपेन पसंद आया है या नहीं।
