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‘जैश-ए-मोहम्मद को खत्म…’ अमेरिकी सांसद ने आतंकवाद पर पाकिस्तान को दिखाया आईना, पूर्व मंत्री Bilawal Bhutto की अमेरिका में हुई फजीहत; जाने डिटेल

Bilawal Bhutto: आतंक परस्त पाकिस्तान अपने डेलिगेशन के साथ अमेरिका पहुंचा हुआ है, जिसकी अगुवाई पाक के पूर्व मंत्री Bilawal Bhutto कर रहे है। जहां उन्हें फजीहत झेलनी पड़ी।

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Bilawal Bhutto
फाइल फोटो प्रतीकात्मक

Bilawal Bhutto: आतंक को लेकर एक बार फिर पाकिस्तान दुनिया के सामने पूरी तरह से बेनकाब हो चुका है। अमेरिकी सांसद ने आतंकवाद पर पाकिस्तान को आईना दिखाया है। मालूम हो कि भारत की देखादेखी करते हुए पाकिस्तान ने अपने एक डेलिगेशन को यूएस भेजा है, जिसकी अगुवाई पाक के पूर्व मंत्री Bilawal Bhutto कर रहे है। हालांकि इस दौरान पाक डेलिगेशन की लगातार फजीहत की वीडियो सामने आ रहा है, कभी रिपोर्टर भुट्टो से ऐसा सवाल पूछता है कि उनकी बोलती बंंद हो जाती है, तो कभी अमेरिकी सांसद जैश-ए-मोहम्मद को पाक से खत्म करने की बात कहते है। चलिए आपको बताते है पूरा माजरा की आखिर दुनिया भर के सामने एक बार फिर पाक कैसे बेनकाब हो गया है।

अमेरिकी सांसद ने आतंकवाद पर Bilawal Bhutto को दिखाया आईना

मालूम हो आतंक परस्त पाकिस्तान अपने डेलिगेशन के साथ अमेरिका पहुंचा हुआ है, जिसकी अगुवाई पाक के पूर्व मंत्री Bilawal Bhutto कर रहे है। दरअसल भारत की देखादेखी पाक ने आतंकवाद के खिलाफ एक डेलिगेशन यूएस भेजा था। हालांंकि उसके उलट पाक को दुनिया के सामने फजीहत झेलनी पड़ रही है। अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमैन ने पाक डेलिगेशन के साथ मुलाकात के बाद अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि

“मैंने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को आतंकवाद से लड़ने के महत्व पर जोर दिया, और विशेष रूप से जैश-ए-मोहम्मद समूह से, जिसने 2002 में मेरे निर्वाचन क्षेत्र के निवासी डेनियल पर्ल की हत्या कर दी थी। पर्ल का परिवार अभी भी मेरे जिले में रहता है, और पाकिस्तान को इस घृणित समूह को खत्म करने और क्षेत्र में आतंकवाद से लड़ने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए”।

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहा है अत्याचार

अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमैन ने अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर भी अपनी बात रखी और Bilawal Bhutto को साफ कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है, और पाक को इसे लेकर सोचना चाहिए। इसकी जानकारी देते हुए अमेरिकी सांसद ने लिखा कि

“पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है। पाकिस्तान में रहने वाले ईसाई, हिंदू और अहमदिया मुसलमानों को हिंसा, उत्पीड़न, भेदभाव या असमान न्याय प्रणाली के डर के बिना अपने धर्म का पालन करने और लोकतांत्रिक व्यवस्था में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए”। यानि यह साफ है कि पाक आतंक के खिलाफ कितना भी झूठ बोल ले लेकिन दुनिया जानती है कि पकिस्तान पूरी तरह से आतंक परस्त है।

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