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Bihar CM Oath Ceremony के तार बंगाल से जोड़ रही बीजेपी! पीएम मोदी, अमित शाह समेत अन्य दिग्गज नेताओं की मौजूदगी का आशय क्या?

Bihar CM Oath Ceremony: पटना के गांधी मैदान में जारी शपथ ग्रहण की गूंज बंगाल तलक पहुंच रही है। बीजेपी अपने तमाम दिग्गज नेताओं के साथ सभी सहयोगियों की उपस्थिति में एकजुटता का संदेश देते हुए बंगाल फतह की तैयारी प्रदर्शित कर रही है।

Bihar CM Oath Ceremony
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Bihar CM Oath Ceremony: पटना के राजनीतिक गलियारों की गूंज कोलकाता में कालीघाट इलाके तक पहुंचाने की तैयारी है। आलम ये है कि नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण का साक्ष्य बनने पीएम मोदी, अमित शाह, चंद्रबाबू नायडू, हिमंता बिस्वा सरमा, नेफ्यू रियो समेत तमाम दिग्गज नेता पटना मे हैं। बीजेपी की पूरी कोशिश है कि बिहार में नई सरकार के शपथ ग्रहण के तार को बंगाल से जोड़ा जाए और अगले पड़ाव की ओर मजबूती से कूच किया जाए।

यही वजह है कि तमाम दिग्गज नेताओं की पटना में उपस्थिति के अलग-अलग आशय निकाले जा रहे हैं। एनडीए के लगभग सभी सहयोगी दलों के नेताओं की पटना में उपस्थिति लामबंद होने का इशारा है जो बंगाल चुनाव से पूर्व शक्ति प्रदर्शन का केन्द्र बना है। ऐसे में आइए हम आपको सभी सवालों का जवाब देते हुए ताजा सियासी समीकरण समझाने की कोशिश करते हैं।

बंगाल से जुड़ रहे Bihar CM Oath Ceremony के तार!

पटना के गांधी मैदान में बिहार की नई सरकार की शपथ ग्रहण के तार बंगाल से जुड़ रहे हैं। आलम ये है कि तमाम दिग्गज नेताओं की उपस्थिति कई सवालों को जन्म दे रही है। एनडीए के सभी प्रमुख सहयोगी दलों के नेता पटना पहुंच चुके हैं। चंद्रबाबू नायडू, जीतनराम माझी, चिराग पासवान, अजित पवार, एकनाथ शिंदे, हर्ष सांघवी आदि का पटना पहुंचना कई मायनों में खास है। इससे इतर पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ, केशव मौर्य, ब्रजेश पाठक, मोहन यादव, भजनलाल शर्मा, नायब सैनी, हिमंता बिस्वा सरमा आदि की मौजूदगी भी बीजेपी की एकजुटता को दर्शाती है।

शपथ ग्रहण भले ही पटना के गांधी मैदान में हो रहा है, लेकिन संदेश पश्चिम बंगाल तक भेजने की कवायद है जहां अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी ये साफ तौर पर दर्शाती है कि बंगाल में टीएमसी के लिए मैदान नहीं छोड़ेगी और मजबूती से दावेदारी पेश कर नई चुनौती बनेगी।

पटना में दिग्गजों की मौजूदगी के मायने क्या?

इस सवाल को लेकर कई तरह के तर्क पेश किए जा रहे हैं और सबके अपने-अपने हिस्से के जवाब हैं। सबसे पहले ध्यान देना होगा कि बीजेपी पटना में अपने सभी दिग्गजों और सहयोगी दलों के नेताओं को उतारकर एकजुटता का संदेश देना चाहती है। वो एकजुटता ही है जिसने एनडीए को 243 में से 202 के आंकड़े तक पहुंचाया है। वहीं फूट का शिकार रहा लालू परिवार बुरी तरह चुनाव हार गया है।

ऐसे में बीजेपी एकजुटता की रणनीति के साथ आगे भी चुनावी मैदान में उतरेगी। पीएम मोदी पहले ही कह चुके हैं कि गंगा जी बिहार से बहते हुए ही बंगाल तक जाती है। आशय साफ है कि बीजेपी के विजय रथ का रुख अब बंगाल की ओर मुड़ेगा। यही वजह है कि पश्चिम बंगाल के सियासी गलियारों का पारा चढ़ा है और बिहार की नई सरकार की शपथ ग्रहण कोलकाता तक चर्चाओं में है।

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