Rahul Gandhi: बर्लिन दौरे पर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष का एक बयान सियासी गलियारों का पारा तेजी से बढ़ा रहा है। पूरा मामला जीएसटी पर राहुल गांधी के बदले सुर को लेकर है। दरअसल, शुरू से ही जीएसटी का विरोध करते हुए उसे ‘गब्बर सिंह टैक्स’ कहने वाले राहुल गांधी ने इस कर प्रणाली को उपभोक्ता-हितैषी और उत्पादक-विरोधी बताया है। नेता प्रतिपक्ष के इस बदले सुर को लेकर बीजेपी हमलावर है। अमित मालवीय ने राहुल गांधी के इस बदले सुर को दोहरा चरित्र करारा देते हुए तल्ख प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी आईटी सेल चीफ का कहना है कि ये दोनों दावे एक साथ नहीं टिक सकते। किसी कर प्रणाली पर एक ही समय में उपभोक्ताओं को कुचलने और उत्पादकों की कीमत पर उन्हें विशेषाधिकार देने का आरोप नहीं लगाया जा सकता।
जीएसटी पर Rahul Gandhi के बदले सुर को लेकर बीजेपी हमलावर!
नेता प्रतिपक्ष के जीएसटी पर बदलते सुर को लेकर बीजेपी आईटी सेल चीफ अमित मालवीय ने मोर्चा खोल दिया है।
लंबी पोस्ट जारी करते हुए अमित मालवीय ने राहुल गांधी के रुख पर सवाल उठाए हैं। बीजेपी नेता ने कहा है कि “वर्षों तक राहुल गांधी जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स कहकर उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते रहे। अब बर्लिन से बोलते हुए उन्होंने इसी जीएसटी व्यवस्था को उपभोक्ता-हितैषी और उत्पादक-विरोधी बताया है। ये दोनों दावे एक साथ नहीं टिक सकते। किसी कर प्रणाली पर एक ही समय में उपभोक्ताओं को कुचलने और उत्पादकों की कीमत पर उन्हें विशेषाधिकार देने का आरोप नहीं लगाया जा सकता।”
बीजेपी नेता आगे कहते हैं कि “जब जीएसटी जनविरोधी की धारणा में फिट नहीं बैठता, तो इसे उत्पादक-विरोधी करार दिया जाता है। अप्रत्यक्ष कर की दरें कम होने पर उपभोक्ताओं और उत्पादकों दोनों को एक साथ लाभ होता है। उपभोक्ताओं को कम कीमतों और अधिक वहनीयता से लाभ मिलता है, जबकि उत्पादकों को बढ़ती मांग, अधिक उत्पादन मात्रा और बेहतर क्षमता उपयोग से लाभ होता है। यह भ्रम कांग्रेस की सोच में गहराई से बैठा हुआ प्रतीत होता है।”
अमित मालवीय ने आंकड़ों का ब्योरा देते हुए कहा है कि “राहुल गांधी का बयान आर्थिक तर्क के बजाय बदलते नारों पर आधारित है। जब विनिर्माण परिणाम राजनीतिक दावों के विपरीत होते हैं, तो आंकड़ों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। उत्पादन, निर्यात, रोजगार और निवेश से जुड़े साक्ष्य स्पष्ट रूप से सुनियोजित नीतिगत निर्णयों के परिणामस्वरूप घरेलू विनिर्माण क्षेत्र में हो रही वृद्धि की ओर इशारा करते हैं। उनकी टिप्पणियाँ राजनीतिक तात्कालिकता को दर्शाती हैं, न कि औद्योगिक अर्थशास्त्र की गंभीर समझ को।”
टैक्स प्रणाली पर बर्लिन में क्या बोले नेता प्रतिपक्ष?
जर्मनी दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी ने जीएसटी के साथ अन्य कई पहलुओं पर अपने हिस्सा का पक्ष रखा।
इस दौरान एक संबोधन कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि “भारत में बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करने का एकमात्र तरीका विनिर्माण है। भाजपा ने अंबानी और अडानी जैसे लोगों के हाथों में सत्ता केंद्रित करके विनिर्माण को पूरी तरह से हतोत्साहित कर दिया है, जो केवल कंपनियों का व्यापार करते हैं, न कि उनका उत्पादन। असल में उनमें से अधिकांश भारत में चीनी उत्पाद बेच रहे हैं। हम लघु एवं मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देने, कृषि में रोजगार सृजित करने और फिर विनिर्माण पर ध्यान देंगे। हम अपने जीएसटी को पुनर्गठित करेंगे, जो आज पूरी तरह से उत्पादक-विरोधी और उपभोक्ता-समर्थक है।”
इसमें राहुल गांधी द्वारा जीएसटी को उपभोक्ता-समर्थक कहना बीजेपी के लिए मुद्दा बन गया है और इसको लेकर केन्द्र की सत्तारुढ़ दल हमलावर है।
