Shashi Tharoor: बगावती रुख धारण किए हुए एक कांग्रेसी सांसद लगातार पार्टी की बैठक से दूरी बना रहे हैं। यहां बात शशि थरूर के संदर्भ में हो रही है जो पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के बाद से ही अलग रुख अपनाए हुए हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक सांसद थरूर ने राहुल गांधी की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक से दूरी बना ली है।
इससे पूर्व भी शशि थरूर 1 दिसंबर को पार्टी की रणनीतिक समूह की बैठक से गायब रहे थे। यही वजह है कि अब सवालों के अंबार खड़े हो रहे हैं। पूछा जा रहा है कि क्या कांग्रेस और थरूर के रिश्ते अंतिम पड़ाव पर हैं? क्या कभी सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के करीबी रहे सांसद थरूर का अब रुख बदलने वाला है? आइए इन सवालों का जवाब ढूंढ़ते हुए विस्तार से चर्चा करते हैं।
राहुल गांधी की अध्यक्षता वाली बैठक से Shashi Tharoor ने बनाई दूरी तो उठे सवाल!
संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही के दौरान आज राहुल गांधी ने अपने पार्टी सांसदों के साथ बैठक की। इस दौरान कुछ गणमान्य सांसदों की अनुपस्थिति ने कई गंभीर सवाल छोड़ दिए हैं। नेता प्रतिपक्ष की अध्यक्षता वाली बैठक से शशि थरूर भी गायब रहे। जहां एक ओर राहुल गांधी ने अपने साथी सांसदों को वंदे मातरम और चुनाव सुधार पर बहस के दौरान किए गए संबोधन को लेकर सराहा। इस दौरान मुखर सांसद शशि थरूर की बैठक से अनुपस्थिति रही।
पूर्व में भी कुछ बैठकों से शशि थरूर दूरी बना चुके हैं। यही वजह है कि सवालों के अंबार खड़े हो रहे हैं। पूछा जा रहा है कि क्या थरूर-कांग्रेस का रिश्ता अंतिम पड़ाव पर है? क्या कभी आलाकमान के करीबी रहे शशि थरूर अब कांग्रेस में खुद को फिट नहीं कर पा रहे हैं? ऐसे तमाम सवाल हैं जो तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर के राहुल गांधी की अध्यक्षता वाली बैठक में नहीं शामिल होने के बाद उठ रहे हैं।
कांग्रेस से दूरी के बीच शशि थरूर के लिए अब आगे क्या?
तमाम तरह की कयासबाजी के बीच सांसद थरूर ये साफ कर चुके हैं कि वो कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ने वाले हैं। बात चाहें राहुल गांधी और सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली बैठक से दूरी बनाने की हो, या रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए आयोजित डिनर पार्टी में शामिल होने की हो। शशि थरूर सब पर अपना पक्ष रख चुके हैं। सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली बैठक से अनुपस्थित रहे शशि थरूर ने इसका कारण बताया था।
सूत्रों के हवाले से चल रही खबरों की मानें तो शशि थरूर ने राहुल गांधी की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में नहीं शामिल होने का कारण पहले ही बता दिया था। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि थरूर अभी कांग्रेस में ही बने रहेंगे। हालांकि, सियासत में कब क्या हो जाए भला किसे पता। यही वजह है कि तमाम तरह की संभावना व्यक्त करते हुए सवालों के अंबार खड़े हो रहे हैं।
