सोनिया गांधी को 23 नेताओं द्वारा चिठ्ठी लिखने के बाद कांग्रेस पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। हालांकि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन पार्टी के अंदर कलह जारी है। इसका उदाहरण लखीमपुर खीरी में देखने को मिला, जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को विरोध का सामना करना पड़ा। जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने पार्टी के अंदर बदलाव को लेकर चिठ्ठी लिखी थी।
जितिन प्रसाद को पार्टी से निलंबित करने के लिए कांग्रेस की जिला इकाई ने एक प्रस्ताव पास किया है। इस प्रस्ताव पर जिलाध्यक्ष प्रहलाद पटेल और लखीमपुर खीरी के अन्य पदाधिकारियों ने अपनी सहमति जताई है। हालांकि, जितिन प्रसाद ने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।
कांग्रेस के अंदर चिठ्ठी लिखने वाले नेताओं पर कार्रवाई की मांग की जा रही है। चिठ्ठी लिख कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले नेताओं को पार्टी से बाहर निकालने की आवाज तेज हो गई है। कांग्रेस नेताओं द्वारा लेटर लिखकर जितिन प्रसाद पर निशाना साधते हुए कहा गया है कि ये भी अपने पिता जीतेन्द्र प्रसाद के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। बता दें कि जितेन्द्र प्रसाद ने सोनिया गांधी के खिलाफ बगावत का झंडा लहराते हुए उनके खिलाफ चुनावी मैदान में उतर गए थे।
एक तरफ जहां पार्टी से जितिन प्रसाद को बाहर निकालने की मांग की जा रही तो वहीं उनके समर्थन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल आ गए हैं। कपिल सिब्बल ट्वीट करते हुए लिखा, दुर्भाग्यपूर्ण है कि यूपी में जितिन प्रसाद को आधिकारिक तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। कांग्रेस को अपनी ऊर्जा को बर्बाद करने के बजाय बीजेपी पर सर्जिकल स्ट्राइक करना चाहिए।