Maharashtra Politics: कल का दिन महाराष्ट्र की राजनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण होने जा रहा है। उद्धव से बगावत के बाद अलग हुए एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना सरकार पर सुप्रीम कोर्ट महत्वपूर्ण फैसला देने वाला है। इसको देखते हुए कि आगे महाराष्ट्र की राजनीति किस करवट बैठेगी इस पर राज्य की सभी पार्टियां नजर गड़ाए बैठी हैं। सरकार की वैधता पर कोर्ट की सुनवाई पूरी हो चुकी है और अगले 1-2 दिनों में अंतिम फैसला सुना सकता है। ऐसी चर्चाएं हैं कि 5 जजों की जिस संविधान पीठ ने सुनवाई की है। उनमें से एक जज का रिटायरमेंट 15 मई को हो जाएगा। ऐसे में बहुत संभावना है कि इस मामले का फैसला 15 मई से पहले ही सुना दिया जाएगा।
विधायकों की सदस्यता लगी दांव पर
सुनवाई के दौरान सरकार की वैधता पर दोनों पक्षों की तरफ से जोरदार बहस देखने को मिलीं हैं कई तरह की संविधानिक दलीलें दी गईं। सरकार के गठन में राज्यपाल की भूमिका को लेकर कई टिप्पणियां सुनने को मिली। इसके साथ संविधान की 10वीं अनुसूची दिए गए सरकार गठन के प्रावधानों को लेकर जिस तरह की कोर्ट में बहस हुई, उसे देखकर जानकारों का मानना है कि कोई भी पक्के तौर पर नहीं कह सकता कि फैसला किसके पक्ष में आएगा। किंतु हां.. एक बात निश्चित है कि सीएम एकनाथ शिंदे सहित 16 शिवसेना विधायकों की सदस्यता दांव पर लगी है। इस कारण दोनों ही पक्षों की धड़कनें बड़ी हुई हैं।
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सुनवाई में शामिल हैं ये जज
सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार की वैधता की सुनवाई जिन पांच जजों की पीठ कर रही है। उसमें ये पांच जज चीफ जस्टिस डी. वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एम आर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली तथा जस्टिस पी एस नरसिम्हा शामिल हैं।
ये 16 विधायक हैं शामिल
सीएम एकना्थ शिंदे, अब्दुल सत्तार, तानाजी सावंत, यामिनि जाधव, संदीपान भुमरे, भरत गोगावले,संजय शिरशाट, लता सोनावणे, प्रकाश सुर्वे,बालाजी किणीकर, बालाजी कल्याणकर, अनिल बाबर, महेश शिंदे, संजय रायमूलकर, रमेश बोरनारे तथा चिमणराव पाटील शामिल हैं
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