Shashi Tharoor: एक बार फिर कांग्रस पार्टी में हलचल तेज हो गई है। बता दें कि पहले दिग्विजय सिंह ने आरएसएस और बीजेपी की तारीफ की थी। जिसके बाद कांग्रेस पार्टी में बवाल देखने को मिल रहा है। वहीं अब शशि थरूर ने कांग्रेस नेता का समर्थन करते हुए कहा कि पार्टी को मजबूत करना बेहद जरूरी है। दरअसल थरूर ने कांग्रेस के 140वें स्थापना दिवस के अवसर पर अवसर पर, दिग्विजय सिंह के साथ अपनी बातचीत के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दिया। दरअसल बीते दिन दिग्विजय सिंह ने अपने एक्स हैंडल के माध्यम से बीजेपी और आरएसएस की तारीफ दी थी। जिसके बाद अब सवाल है कि क्या राहुल गांधी की टेंशन बढ़ने वाली है, क्योंकि एक तरफ वह बीजेपी और आरएसएस का विरोध करते है, तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी के नेता आरएसएस और बीेजेपी की तारीफ करते हुए नजर आ रहे है।
Shashi Tharoor ने कांग्रेस पार्टी को लेकर कह दी बड़ी बात
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा आरएसएस की संगठनात्मक शक्ति की प्रशंसा करने पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “मैं भी चाहता हूं कि हमारा संगठन मजबूत हो। हमारे संगठन में अनुशासन होना चाहिए। दिग्विजय सिंह खुद इस बारे में बोल सकते हैं।” हालांकि यह पहली बार नहीं है जब शशि थरूर ने बीजेपी की तारीफ की हो या कांग्रेस को नसीहत दी हो। इससे पहले भी कई मौके पर थरूर ने कांग्रेस के विस्तार और गठबंधन को मजबूत बनाने को लेकर कहा है। मालूम हो कि हाल ही में मोदी सरकार की तरफ से रूस के राष्ट्रपति पुतिन के डिनर पार्टी में शशि थरूर को बुलाया था। इसके अलावा भी कई बार शशि थरूर बीजेपी और पीएम मोदी की तारीफ कर चुके है।
क्या राहुल गांधी की बढ़ेगी मुश्किलें?
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी के सबसे पुराने नेता में से एक दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी और आरएसएस की तारीफ की है। जिसके बाद सवाल यह उठ रहा क्या राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ने वाली है, क्योंकि एक तरफ नेता प्रतिपक्ष विदेशों में भी बीजेपी और आपएसएस की बुराई करते हुए नजर आते है, तो वहीं दूसरी तरफ उनके पार्टी के ही नेता आरएसएस की तारीफ कर रहे है। हालांकि बढ़ते विवाद के बीच दिग्विजय सिंह ने इस मामले में सफाई दी और कहा कि “मैं शुरू से यही कहता आया हूँ: मैं आरएसएस की विचारधारा का विरोधी हूँ।
वे न तो संविधान का सम्मान करते हैं और न ही देश के कानूनों का, और यह एक गैर-पंजीकृत संगठन है। लेकिन मैं उनकी संगठनात्मक क्षमता की प्रशंसा करता हूँ क्योंकि एक ऐसा संगठन जो पंजीकृत भी नहीं है, इतना शक्तिशाली हो गया है कि प्रधानमंत्री लाल किले से कहते हैं कि यह दुनिया का सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन है। अगर यह गैर-सरकारी संगठन है, तो फिर इसके नियम-कानून कहाँ गए? फिर भी मैं उनकी संगठनात्मक क्षमता की प्रशंसा करता हूँ”।
