CM Yogi Adityanath: चुनावी मौसम में सीएम योगी के शिरकत करने का दौर लगातार जारी है। इसी कड़ी में आज फिर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ बिहार में 4 जनसभाओं को संबोधित कर एनडीए के पक्ष में माहौल बनाएंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ की जनसभा दरभंगा, मोहिउदद्दीननगर, लखीसराय और बैकुंठपुर में होनी है।
इससे पूर्व सीएम योगी शहाबुद्दीन के गढ़ सिवान से लेकर पटना तक हुंकार भर चुके हैं। यूपी सीएम के इस ताबड़तोड़ बिहार दौरे के बीच एक सामान्य सा सवाल उठ रहा है। पूछा जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ के बिहार में धुआंधार प्रचार का कितना असर पड़ सकता है? ऐसे में आइए हम आपको सभी समीकरण के बारे में विस्तार से बताने की कोशिश करते हैं।
बिहार की धरती से फिर हुंकार भरेंगे CM Yogi Adityanath!
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज फिर बिहार दौरे पर हैं जहां वो 4 कार्यक्रमों में शिरकत कर हुंकार भरेंगे। सीएम योगी का पहला कार्यक्रम दरभंगा में आयोजित है। दरभंगा में 11:50 से लोहिया चौक से मछली चौक तक सीएम योगी का रोड शो होना है। उसके बाद दोपहर 1:15 पर सीएम योगी मोहिउदद्दीननगर पहुंचकर समस्तीपुर हाईस्कूल में जनसभा संबोधित करेंगे।
तत्पश्चात मुख्यमंत्री अपने काफिले संग 2:35 बजे लखीसराय पहुंचेंगे। वहां लोहिया चौक, बड़हरिया में जनसभा का संबोधन होना है। सीएम योगी आदित्यनाथ का अंतिम कार्यक्रम बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र में है जहां वो शाम 4:10 पर पहुंचकर गोविंद दास उच्च विद्यालय में आयोजित जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद पुन: मुख्यमंत्री लखनऊ लौट आएंगे।
विधानसभा चुनाव में सीएम योगी के धुआंधार प्रचार का कितना पड़ सकता है असर?
इसको लेकर कई तरह की संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं। पूर्व में देखें तो सीएम योगी ने हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ताबड़तोड़ प्रचार कर मतदाताओं को लामबंद करने का सफल प्रयास किया था। ‘बटेंगे तो कटेंगे’ जैसे नारों का जिक्र कर सीएम योगी ने हिंदू मतदाताओं को लामबंद करने में अहम भूमिका निभाई थी। यूपी सीएम उसी धुन के साथ बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भी प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। बिहार में मुख्यमंत्री अपराध मुक्त प्रदेश, महिला सुरक्षा, सुशासन, रोजगार, सरकारी नौकरी आदि जैसे वादों का जिक्र कर मतदाताओं को साधने की कोशिश में जुटे हैं।
टिप्पणीकारों का दावा है कि सीएम योगी का ये प्रयास ‘हिंदुत्व’ पॉलिटिक्स में दिलचस्पी रखने वालों को आकर्षित कर सकता है। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री का जनसभाओं का असर सीमांचल में भी देखने को मिल सकता है और एनडीए की चुनावी संभावनाएं बेहतर हो सकती हैं। हालांकि, इन संभावनाओं से इतर सभी को हकीकत का इंतजार है। आगामी 14 नवंबर को मतगणना के साथ ही ये स्पष्ट हो जाएगा कि सीएम योगी की रैलियां कितनी असरदार रही हैं। चुनावी परिणाम का ऐलान होने के बाद मुख्यमंत्री की रैलियों का मूल्यांकन होगा और दूध का दूध, पानी का पानी हो सकेगा।
