नई दिल्ली/ टीम इंडिया के पूर्व धाकड़ बल्लेबाज युवराज सिंह को युजवेंद्र चहल के खिलाफ सोशल मीडिया पर जातिगत टिप्पणी करने के मामले में रविवार को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार करके तुरंत बेल पर रिहा कर दिया। उनके खिलाफ ये कार्रवाई हांसी पुलिस ने चंडीगढ़ हाईकोर्ट के आदेश पर की गई थी। हरियाणा के हिसार जिले के हांसी में उनकी गिरफ्तारी हुई और इसके बाद पुलिस ने उन्हें औपचारिक तौर पर जमानत पर रिहा कर दिया।
दरअसल, युवराज सिंह ने साल 2020 में एक इंस्टाग्राम लाइव वीडियो के दौरान रोहित शर्मा के साथ यह टिप्पणी की थी। इस ‘गैर इरादतन टिप्पणी’ के लिए माफी भी मांगी थी। चहल पर की गई इस टिप्पणी को सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया गया था। युवराज सिंह और रोहित शर्मा को मिस्टर चहल के टिकटॉक वीडियो पर चर्चा करते देखा गया था।
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सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होने के बाद युवराज सिंह ने बयान पर खेद भी व्यक्त किया था। उन्होंने ट्विटर पर कहा था कि मैं यह बात साफ कर देना चाहता हूं कि किसी भी तरह के भेदभाव में विश्वास नहीं रखता हूं। चाहे वह जाति, रंग, लिंग या मजहब का आधार पर हो। मैंने अपनी जिंदगी लोगों की भलाई के लिए लगाई है और आगे भी ऐसा ही करता रहूंगा। अपने दोस्तों के साथ बातचीत के दौरान मैंने जो कहा उसे गलत तरीके से समझा गया। हालांकि, जिम्मेदार भारतीय नागरिक होने के नाते मैं यह कहता हूं कि अगर मैंने किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है तो उसके लिए खेद व्यक्त करता हूं।
पुलिस ने युवराज का मोबाइल जब्त किया
पुलिस सूत्रों के अनुसार वर्ग विशेष पर टिप्पणी करने के मामले में सुबूत जुटाने के लिए पुलिस ने युवराज का मोबाइल जब्त कर लिया है। हांसी पुलिस अब युवराज सिंह के खिलाफ अदालत में चालान पेश करेगी। इसके बाद युवराज को विशेष अदालत से नियमित जमानत हासिल करनी पड़ेगी। युवराज को हिसार में अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत स्थापित विशेष अदालत में हर तारीख पर पेश होना होगा। यदि अपराध साबित होता है तो इस मामले में उन्हें 5 साल तक की सजा हो सकती है।