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Amar Subramanya: गूगल और माइक्रोसॉफ्ट में बड़े पदों पर रह चुके भारत से ताल्लुक रखने वाले शख्स को एप्पल ने बनाया नया एआई चीफ, सामने ढेर सारी चुनौतियां

Amar Subramanya: एप्पल ने एआई सेगमेंट में अपनी गिरती हुई साख को सुधारने के लिए दिग्गज एआई एक्सपर्ट अमर सुब्रमण्य को नया एआई चीफ बनाया है। ऐसे में अब एप्पल एआई मार्केट में नया धमाका कर सकती है।

Amar Subramanya
Amar Subramanya, Photo Credit: Google

Amar Subramanya: एप्पल ने अपने एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के इकोसिस्टम में बड़ा बदलाव किया है। टेक कंपनी ने अमर सुब्रमण्य को एप्पल का नया कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट नियुक्त किया है। यह नाम कोई छोटी हस्ती नहीं है, बल्कि ग्लोबल लेवल पर एआई इकोसिस्टम में एक बड़ा नाम है। एप्पल के इस कदम की इसलिए भी चर्चा हो रही है, क्योंकि आमतौर पर एप्पल बड़े पदों पर आसानी से बदलाव नहीं करती है। मगर इसके पीछे कई सारी वजहें बताई जा रही हैं। मगर इन सबमें भारत से ताल्लुक रखने वाले अमर सुब्रमण्य को एक बड़ा अवसर मिल गया है।

कौन हैं Amar Subramanya?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमर सुब्रमण्य ने 2001 से बैंगलोर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद साल 2005 में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने के लिए यूनाइटेड स्टेट्स चले गए। इसके बाद 2009 में उन्होंने रिसर्च आधारित इंजीनियरिंग रोल से शुरुआत की। इस दौरान उन्होने गूगल के शुरुआती एआई एक्सपेंशन फेज के दौरान बड़े पैमाने पर मशीन लर्निंग सिस्टम और कोर लैंग्वेज टेक्नोलॉजी पर काम किया। इसके बाद 2019 में इंजीनियरिंग के वाइस प्रेसिडेंट बने और जेमिनी असिस्टेंस की टीम को लीड किया।

वहीं, इसी साल अमर सुब्रमण्य एआई के कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर माइक्रोसॉफ्ट में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने एआई मल्टीमॉडल इंटेलीजेंस, सेफ्टी लेअर्स और कई प्रोडक्ट्स पर काम किया। हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट के साथ उनका कार्यकाल काफी छोटा रहा। ऐसे में अब उनपर एप्पल के कई एआई प्रोडक्ट्स को आगे लेकर जाने का कठिन काम करना है। साथ ही एआई सेगमेंट में एप्पल की गिरती साख को ऊपर लाने का मुश्किल कार्य करना है।

अमर सुब्रमण्य को इन चुनौतियों से पाना होगा पार

लगभग 16 साल गूगल में काम करने के बाद अमर सुब्रमण्य अब एप्पल के साथ आ गए हैं। ऐसे में उनके सामने कई सारी चुनौतियां खड़ी हैं, जिनसे उन्हें पार पाना होगा। यह बात तो जगजाहिर है कि गूगल जेमिनी, ओपनएआई का चैटजीपीटी और माइक्रोसॉफ्ट का कोपायलट एआई दुनियाभर में अपनी धूम मचा रहा है। ऐसे में अगर एप्पल को एआई सेगमेंट में अपनी पकड़ बनानी है, तो एप्पल को कुछ अलग और खास करना होगा।

एप्पल को इस वक्त दमदार एआई क्षमताओं की जरूरत है, जिन्हें आईफोन, मैक, आईपैड और अन्य एप्पल डिवाइस में शामिल किया जा सके। इसके अलावा, आईफोन में एआई फीचर्स को सही समय पर इंटीग्रेशन करने में देरी भी एप्पल को इस सेगमेंट में पीछे धकेल रही है। ऐसे में सैमसंग और गूगल समेत अन्य विरोधियों को अधिक ग्राहक खींचने का अवसर मिल जाता है।

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