Asim Munir: पड़ोसी मुल्क में स्थिति फिर एक बार तनावपूर्ण हो गई है। इस्लामाबाद से लेकर मुजफ्फराहाद, रावलपिंडी तक सेना प्रमुख की क्रूरता सुर्खियों में है। पूर्व पीएम इमरान खान की गुमशुदगी के बीच जो भी विरोध के स्वर गूंज रहे है। मुनीर सेना उन स्वरों को कुचलते हुए खैबर पख्तूनख्वा में गवर्नर शासन लगाने पर विचार कर रही है। इसमें सेना को पीएम शहबाज शरीफ की मूक सहमति होने की बात भी सामने आई है।
दावा किया जा रहा है कि इमरान खान को परिवार से मिलाने की मांग पर अड़े खैबर पख्तूनख्वा के सीएम सुहैल अफरीदी को पाकिस्तानी हुकूमत अपनी दमनकारी नीतियों से रौंदना चाहती है। इसी कड़ी में खैबर में गवर्नर रूल लगाने की योजना है। सवाल है कि यदि पाकिस्तानी हुकूमत ऐसा करती है, तो क्या मुल्क में गृह युद्ध की चिंगारी भड़क सकती है? आइए इस सवाल का जवाब ढू़ंढ़ते हुए ताजा घटनाक्रम पर चर्चा करते हैं।
इमरान खान की गुमशुदगी के बीच खैबर पख्तूनख्वा में गवर्नर शासन लगाने की योजना!
खबरों की मानें तो मुनीर सेना अब इमरान खान के समर्थन में उठ रही तमाम आवाजों को कुचलना चाहती है। इसी कड़ी में खैबर पख्तूनख्वा में गवर्नर शासन लगाने की योजना है। दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तानी हुकूमत और सेना प्रमुख आसिम मुनीर खैबर सीएम सुहैल अफरीदी के रुख से नाराज हैं।
सुहैल अफरीदी उन चुनिंदा लोगों में से एक हैं जिन्होंने अदियाला जेल के बाहर विरोध प्रदर्शन कर इमरान खान को उनके परिवार से मिलाने की मांग की है। इस मुद्दे को लेकर खैबर पख्तूनख्वा में खूब रोष है जिसके बाद गवर्नर शासन की चर्चा जोरों पर छिड़ी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि खैबर में आगे क्या कुछ होगा और कैसे हुकूमत इस चुनौत से पार पाती है।
क्या Asim Munir के रुख से पाकिस्तान में भड़केगी गृह युद्ध की चिंगारी?
ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब भविष्य की गर्भ में छिपा है। हालांकि, ये तय है कि पीटीआई समर्थक और देश की बहुसंख्यक आवाम मुनीर सेना के रुख से परेशान है। इमरान खान की पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ तमाम आवाम भी इमरान खान को दुनिया के सामने लाने की मांग पर अड़ी है। वहीं आसिम मुनीर और पीएम शहबाज शरीफ बेबाक अंदाज में अपनी धुन पर आगे बढ़ रहे हैं। खबर है कि हुकूमत और सेना दोनों मिलकर विरोध के सुर को कुचलने में जुट गई है।
हालांकि, सेना और हुकूमत ने यदि ऐसा किया तो स्थिति अनियंत्रित भी हो सकती है। एक ओर आवाम वैसे ही इमरान खान को लेकर भावुक है। दूसरी ओर यदि बल प्रयोग किया गया तो पाकिस्तानी सेना के खिलाफ विद्रोह की आशंका है जो मुल्क में गृह युद्ध की चिंगारी का काम करेगी और नुकसानदायक हो सकता है। फिलहाल सबकी नजरें ताजा घटनाक्रम पर चिकी हुई हैं और सभी इस इंतजार में हैं कि हुकूमत और सेना क्या कदम उठाती है।
