Dipu Chandra Das: हिंसा की आग में जल रहे बांग्लादेश से एक खौफनाक मंजर सामने आया जिसने दुनियाभर के लोगों को हैरान कर दिया। यहां बात हिंदू युवक दीपू चंद्र दास को हिंसक भीड़ द्वारा मौत की घाट उतारे जाने के संदर्भ में हो रही है। दरअसल, तख्तापलट के दौरान प्रमुख चेहरा रहे शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद मुल्क में भारी बवाल देखने को मिला।
इस दौरान हिंसक भीड़ ने बीच सड़क पर हिंदू युवक दीपू चंद्र दास को जिंदा जला दिया। भीड़ ने पहले हिंदू युवक को पीट-पीटकर अधमरा किया, फिर बीच सड़क लटकाकर केरोसिन छिड़का और अंतत: आ लगा दी। देखते ही देखते दीपू चंद्र दास का जिंदा शरीर धूं-धूं कर जल उठा। इस मामले में मृतक के पिता रविलाल दास की दिल दहला देने वाली दास्तां सामने आई है।
हिंसक भीड़ की भेंट चढ़े Dipu Chandra Das के पिता की दास्तां दहला रही कलेजा
समाचार चैनल एनडीटीवी से खास बातचीत करते हुए मृतक दीपू चंद्र दास के पिता रविलाल दास ने अपनी दास्तां साझा की है। मृतक युवक के पिता ने बताया कि उन्हें फेसबुक से बेटे के मारे जाने की खबर मिली। किसी ने रविलाल को बताया कि हिंसक भीड़ ने दीपू चंद्र दास को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया है और पेड़ से बांध दिया है।
फिर उस पर केरोसिन छिड़क कर उसे बीच चौराहे पर जिंदा जला दिया गया। मृतक के पिता की ये ऐसी दास्तां है जो कलेजे को छलनी कर रही है। लिंचिंग से जुड़े इस मामले में मोहम्मद यूनुस की सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए रविलाल दास ने कहा कि “सरकार की ओर से उन्हें किसी ने कोई आश्वासन नहीं दिया। किसी ने कुछ भी नहीं कहा।”
ईशनिंदा के आरोप में युवक को जलाकर उतारा मौत के घाट!
खबरों की मानें तो मृतक युवक दीपू चंद्र दास पर ईशनिंदा का आरोप था। कई रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है। आरोप के मुताबिक मृतक हिंदू युवक ने विश्व अरबी भाषा दिवस के अवसर पर पायनियर निट कंपोजिट फैक्ट्री में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसको लेकर तनाव की स्थिति पसरी और हिंसक भीड़ ने युवक को निशाने पर लेना शुरू कर दिया।
अंतत: शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद उपजी हिंसा में दीपू चंद्र दास को पकड़ कर मौत की घाट उतार दिया। मृतक युवक की उम्र 25 वर्ष थी और वो मयमनसिंह इलाके में स्थित स्क्वायर मास्टरबारी में पायनियर निट कंपोजिट फैक्ट्री का मजदूर था। इस घटना के बाद बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सवालों के घेरे में है। ग्लोबल लेवल पर मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार से सवाल पूछे जा रहे हैं और न्याय के लिए गुहार लगाई जा रही है।
