Bangladesh Unrest: ढ़ाका में पसरे तनाव के बीच नई दिल्ली से कोलकाता, सिलीगुड़ी तक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की निर्मम हत्या के बाद बांग्लादेशी अल्पसंख्यक भी सड़कों पर हैं। सबके निशाने पर मोहम्मद यूनुस की सरकार है जिसके कथित सह पर ढ़ाका से राजशाही, सिलहट तक हिंसा की आग फैली है। इस बीच भारत में भी बांग्लादेशी हुकूमत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय से जुड़े बांग्लादेश-म्यांमार प्रभाग के संयुक्त सचिव बी श्याम बांग्लादेश के उच्चायुक्त रियाज हामिदुल्लाह को देर तलब किया। इस दौरान हालिया स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई। विदेश मंत्रालय पूरी तत्परता के साथ बांग्लादेश में पसरी अशांति से जुड़े एक-एक पहलुओं की जांच कर रहा है। ऐसे में आइए हम आपको ताजा अपडेट के बारे में बताते हैं।
नई दिल्ली से सिलीगुड़ी तक विरोध प्रदर्शन!
बांग्लादेश में शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा की चपेट में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय आया है। हिंसक भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास को बर्बरता के साथ मौत के घाट उतार दिया। इसको लेकर भारत से भी विरोध के स्वर गूंजे हैं। राजधानी नई दिल्ली में स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर यूनुस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुए। कोलकाता से सिलीगुड़ी तक भी भारतीय नागरिकों ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किए हैं। इस दौरान सिलीगुड़ी के एक वीजा केन्द्र में जमर तोड़फो़ भी हुई जिसको लेकर उबाल देखने को मिला।
उच्चायुक्त रियाज को तलब कर विदेश मंत्रालय ने मांगा जवाब
हालिया स्थिति को लेकर ढ़ाका से नई दिल्ली तक अलर्ट है। भारतीय विदेश मंत्रालय से जुड़े बांग्लादेश-म्यांमार प्रभाग के संयुक्त सचिव बी श्याम ने हालिया स्थिति को लेकर बांग्लादेश के उच्चायुक्त रियाज हामिदुल्लाह को देर शाम तलब किया। इस दौरान मुल्क में अशांति के बीच तमाम पहलुओं पर जवाब मांगे गए। इससे इतर भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को सुबह ढाका स्थित विदेश मंत्रालय में विदेश सचिव असद आलम सियाम ने तलब कर उच्चायोग के बाहर हुई घटनाओं पर प्रतिक्रिया दी है। भारत का साफ कहना है कि यूनुस सरकार अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर मुल्क में शांति स्थापित करने की दिशा में प्रयास तेज करे।
