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1971 जैसे ही नाकों चने चबवाएंगे! ढ़ाका में अशांति के बीच भारत को गीदड़भभकी देने वाले पाकिस्तान को नसीहत, यूनुस के साथ साजिश रची तो…

Bangladesh Unrest: ढ़ाका में उतार-चढ़ाव के बीच पाकिस्तान की गीदड़भभकी सामने आई है। पीएम शहबाज शरीफ की पार्टी से जुड़े कामरान सईद उस्मानी ने ढ़ाका को साथ का भरोसा दिया है। इसी कड़ी में भारत का संदेश साफ है कि यदि पड़ोसी मुल्क किसी तरह की साजिश रचता है, तो 1971 जैसे ही उन्हें नाकों चने चबवाए जाएंगे।

Bangladesh Unrest
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Bangladesh Unrest: ढ़ाका में तनाव की स्थिति के बीच पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान गिद्ध की तहर नजर जमाए बैठा है। कभी बांग्लादेशियों का खून बहाने वाला पाकिस्तान आज उनका हिमायती बना है। आलम ये है कि ढ़ाका में अशांति के बीच पाकिस्तान द्वारा मोहम्मद यूनुस को समर्थन देकर भारत को गीदड़भभकी दी जा रही है।

पीएम शहबाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग से जुड़े नेता कामरान सईद उस्मानी ने ढ़ाका को आश्वस्त किया है कि अगर भारत बांग्लादेश पर हमला करता है, तो पाकिस्तान पूरी ताकत से ढाका के साथ खड़ा रहेगा। सवाल है कि भारत बांग्लादेश के खिलाफ हमला क्यों करेगा? क्या पाकिस्तान 1971 वाली करारी हार भूल चुका है? खुद कंगाली के मुहाने पर खड़े बांग्लादेश को भारत का साफ संदेश है कि अगर कट्टरपंथी यूनुस के खिलाफ मिलकर कोई साजिश रची, तो 1971 जैसे ही नाकों चने चबवाएंगे।

ढ़ाका में अशांति के बीच पाकिस्तान की भारत को गीदड़भभकी!

पीएम शहबाज शरीफ की पार्टी से जुड़े राजनेता कामरान सईद उस्मानी ने पाकिस्तान को ढ़ाका का हिमायती बताते हुए भारत को गीदड़भभकी दी है। पाकिस्तान में मचे हाय-तौबा के बीच सईद उस्मानी ने कहा कि “अगर भारत बांग्लादेश पर हमला करता है, तो पाकिस्तान पूरी ताकत से ढाका के साथ खड़ा रहेगा। पश्चिम से पाकिस्तान, पूर्व से बांग्लादेश और चीन पहले से ही नजर गड़ाए हुए हैं।” अक्सर पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंधों और क्षेत्रीय मुद्दों पर अपनी राय रखने वाले सईद उस्मानी की गीदड़भभकी को लेकर खबरें भी बन रही हैं।

यूनुस के साथ मिलकर साजिश रची तो 1971 जैसे ही नाकों चने चबवाएंगे!

भारत का संदेश साफ है। भारतीय उच्चायोग ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा की मुखालफत करते हुए यूनुस सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय कई दफा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठा चुका है। भारत का साफ कहना है कि ढ़ाका में अशांत स्थिति के बीच यदि भारत को नुकसान पहुंचाने की हिमाकत हुई, तो अंजाम बुरा होगा।

पाकिस्तान को भी पहले ही कई मौकों पर नसीहत दी जा चुकी है कि यदि कट्टरपंथी मोहम्मद यूनुस के साथ मिलकर शहबाज शरीफ ने कोई साजिश रची, तो उन्हें 1971 जैसे ही नाकों चने चबवाए जाएंगे। मालूम हो कि 1971 में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर बांग्लादेश के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी और पड़ोसी मुल्क को करारी हार का स्वाद चखाया था। यही वजह है कि 1971 का जिक्र कर बार-बार पाकिस्तान की दुखती नब्ज पर हाथ रखा जाता है और उसे अतीत की याद दिलाई जाती है।

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