कनाडा के जनता ने संसदीय चुनावों में प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी को सबसे ज्यादा सीटों से जीत दिलाई है। लेकिन ज्यादातर बड़ी सीटों को जीतने में पार्टी विफल रही। इस बार का चुनाव परिणाम दो साल पहले हुए चुनावों के जैसा ही था। प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी बाकी सभी पार्टियों को पीछे छोड़ते हुए 148 सीटों पर आगे हैं। जबकि दूसरे नंबर पर कंजरवेटिव पार्टी रही जिसने 103 सीटों पर कब्जा किया। वामपंथी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी 22 सीटों और ब्लॉक क्यूबेकोइस 28 सीटों पर हैं।
स्वर्गीय पिता का नाम लेकर किया प्रचार
इन चुनावों में जस्टिन ट्रूडो को सबसे ज्यादा फायदा अपने स्वर्गीय पिता से मिला। 49 साल के ट्रूडो ने अपने पिता लिबरल आइकन और दिवंगत प्रधान मंत्री पियरे ट्रूडो के नाम से बहुत प्रचार किया था। अपने समय में दिवंगत प्रधान मंत्री पियरे ट्रूडो देश के लोकप्रिय नेताओं में से एक थे जिसका सीधा फायदा आज जस्टिन ट्रूडो को मिला। ट्रूडो ने पहली बार 2015 में चुनाव जीता और तब से दो चुनावों में अपनी पार्टी को सबसे ऊपर पहुंचा दिया। आज कनाडा में लिबरल पार्टी की टक्कर की कोई पार्टी नहीं है। अपनी जीत के साथ ट्रूडो ने सोशल मीडिया के जरिए जनता का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा-धन्यवाद, कनाडा — अपना वोट डालने के लिए, लिबरल टीम में अपना विश्वास रखने के लिए, एक उज्जवल भविष्य चुनने के लिए। हम COVID के खिलाफ लड़ाई खत्म करने जा रहे हैं। और हम कनाडा को आगे बढ़ाने जा रहे हैं। सभी के लिए।
ट्रूडो पर समय से पहले चुनाव कराने का आरोप
जस्टिन ट्रूडो पर लगातार समय से पहले चुनाव करवाने के आरोप लगते रहे हैं। इन आरोपों पर सफाई देते हुए ट्रूडो ने कहा था कि जनता कंजरवेटिव पार्टी की सरकार नहीं चाहती है। देश में हालात बहुत नाजुक हैं और परिस्थिति को संभालने के लिए जनता को भरोसेमंद पार्टी चाहिए। बता दें कि कोरोना महामारी से कनाडा ने बहुत ही जल्दी निजात पा ली थी। ये पहला देश है जहां लगभग सभी नागरिकों को कोरोना का टीका लग चुका है। यहां नहीं के बराबर ही केस देखने को कभी-कभार मिलते हैं।
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