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यूक्रेन की तरफ से बात करने गए Donald Trump ने क्या बदल लिया पाला? जाने क्यों भारत को सतर्क रहने की है जरूरत; समझे पूरा समीकरण

Donald Trump: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में अब डोनाल्ड ट्रंप की एंट्री हो चुकी है, जिसके बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे है।

Donald Trump
Donald Trump - फाइल फोटो

Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर सुर्खियों में बने हुए है, अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहले रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की, और फिर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की, इसके बाद से ही कई तरह के कयास लगाए जा रहे है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक मुलाकात के दौरान Donald Trump ने जेलेंस्की से कहा कि रूस द्वारा कब्जा की गई जमीन रूस के पास ही रहने दी जाए। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि यूक्रेन की तरफ से बात करने गए डोनाल्ड ट्रंप ने क्या पाला बदल लिया है। इस मामले के बाद भारत को भी सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि अमेरिका और पाकिस्तान की नजदीकियां लगातार बढ़ती जा रही है। आईए समझते है पूरा समीकरण।

यूक्रेन की तरफ से बात करने गए Donald Trump ने क्या बदल लिया पाला

अलास्का में डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन के बीच मुलाकात हुई थी, जिसके बाद पूरी दुनिया में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था। मुलाकात से पहले Donald Trump ने रूस को खुली चेतावनी दी थी कि अगर वह सीजफायर नहीं करते है तो अमेरिका की तरफ से कड़े प्रतिबंध लगाए जा सकते है। हालांकि मुलाकात के बाद इसका बिल्कुल उलट हुआ। मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि “सभी नेताओं का मानना है कि यूक्रेन युद्ध का अंत सिर्फ एक मजबूत और टिकाऊ शांति समझौते के ज़रिए ही संभव है, केवल संघर्ष विराम पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि वे लंबे समय तक नहीं टिकते।” यानि यह तो साफ है कि पुतिन से मुलाकात के बाद ट्रंप की भाषा बिल्कुल ही बदल गई है।

भारत को क्यों सतर्क रहने की जरूरत

बता दें कि अमेरिका का पाकिस्तान प्रेम बढ़ता जा रहा है। पाक पर Donald Trump ने काफी कम टैरिफ लगाया है, तो वहीं भारत पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगा दिया है और लगातार धमकी दे रहे है कि भारत अगर रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करता है तो अमेरिका उसपर और प्रतिबंध लगा सकता है, साथ ही ट्रंप जम्मू कश्मीर का मुद्दा भी छेड़ सकते है, जो भारत के हित में नहीं होगा, यानि यह साफ है कि जिस तरह से दुनिया की राजनीति करवट ले रही है, भारत को काफी सतर्क रहने की जरूरत है। इसके अलावा अमेरिका के विदेश मंत्री ने साफ कहा था कि पुतिन के बिना रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत संभव नहीं है।

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