Greta Thunberg: इजराइल ने शनिवार को लगभग 137 कार्यकर्ताओं को निर्वासित कर दिया। बता दें कि इसमें स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी शामिल थी। ‘Al Jazeera’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा जाने वाले एक सहायता समूह में शामिल होने के कारण इजराइल ने सभी को हिरासत में ले लिया था। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि समूह में शामिल कार्यकर्ताओं के साथ हिंसा की गई और जानवरों जैसा व्यवहार किया गया। साथ ही ग्रेटा थनबर्ग के साथ चौंकाने वाले दुर्व्यवहार का आरोप लगाया।
इजराइल ने Greta Thunberg समेत 137 लोगों को हिरासत में लिया
‘Al Jazeera’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला पिछले महीने युद्धग्रस्त गाजा में सहायता पहुंचाने के लिए रवाना हुआ था, लेकिन इजराइल ने नावों को रोक दिया और 400 से अधिक लोगों को हिरासत में ले लिया, जिससे दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन हुए। कम से कम 137 लोग शनिवार को इस्तांबुल पहुंचे, जिनमें से 36 तुर्की नागरिक थे।
रिपोर्ट में बताया गया है कि दो लोगों ने आरोप लगाया कि स्वीडिश कार्यकर्ता के साथ हिरासत के दौरान दुर्व्यवहार किया गया। मलेशियाई नागरिक हजवानी हेल्मी और अमेरिकी नागरिक विंडफील्ड बीवर ने बताया कि इजरायली सैनिकों ने ग्रेटा थनबर्ग के साथ गलत व्यवहार किया।
ग्रेटा थनबर्ग के साथ इजराइली अधिकारियों ने किया दुर्व्यवहार
वहीं, 28 वर्षीय हेल्मी ने कहा, ‘यह एक आपदा थी। उन्होंने हमारे साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया।’ बीवर ने कहा, ‘ग्रेटा थनबर्ग के साथ बुरा व्यवहार किया गया और प्रचार के तौर पर इस्तेमाल किया गया। उन्होंने बताया कि कैसे इजराइल के दक्षिणपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्वीर के आने पर उन्हें एक कमरे में धकेल दिया गया।’
‘Hindustan Times’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अन्य कार्यकर्ताओं ने भी हिरासत के दौरान इजराइली अधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार और यातना का आरोप लगाया। इटली के लोम्बार्डी के एक क्षेत्रीय पार्षद पाओलो रोमानो ने न्यूज एजेंसी ‘AFP’ को बताया, ‘उन्होंने हमें घुटनों के बल लिटा दिया, मुंह नीचे करके और अगर हम हिलते भी, तो वे हमें मारते। वे हम पर हस रहे थे, हमारा अपमान कर रहे थे और हमें मार रहे थे। वे मानसिक और शारीरिक, दोनों तरह की हिंसा का इस्तेमाल कर रहे थे।’