H-1B Visa: अमेरिका में इन दिनों गूगल, टेस्ला और वॉलमार्ट जैसी प्रमुख टेक कंपनियों ने बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छटनी की है। ऐसे में ढ़ेर सारे एच1-बी वीजा धारक भी इसकी चपेट में आकर अपना नौकरी गवा चुके हैं। हालाकि एच1-बी वीजा धारकों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है।
अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) ने इस संबंध में एक नोटिस जारी कर स्पष्ट किया है कि अगर कोई एच1-बी वीजा धारक नौकरी खोने के बाद 60 दिन के अंदर अपने नॉन-इमिग्रेंट स्टेटस में बदलाव के लिए अप्लाई कर देता है तो वो 60 दिन के बाद भी अमेरिका में रह सकता है। अथवा उसे 60 दिनों के अंदर ही अमेरिका छोड़कर जाना होगा। दावा किया जा रहा है कि इस फैसले से एच1-बी वीजा धारकों को राहत मिलेगी।
USCIS ने जारी किए दिशानिर्देश
अमेरिका में हजारों कर्मचारियों की नौकरी जाने के बाद अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) की ओर से नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं जिसके तहत एच1-बी वीजा धारकों को राहत मिलती नजर आ रही है।
USCIS की ओर से स्पष्ट किया गया है कि जिन H-1B वीजा होल्डर्स को कंपनियों ने नौकरी से निकाला है, वो अब अमेरिका में 60 से भी ज्यादा दिन तक रह सकते हैं। इसके लिए उन्हें नौकरी खोने के बाद 60 दिन के अंदर अपने नॉन-इमिग्रेंट स्टेटस में बदलाव के लिए अप्लाई करना होगा। अगर प्रभावित कर्मचारी ने ऐसा नहीं किया तो उसे और उसके परिजनों को 60 दिन के अंदर अमेरिका छोड़ना पड़ सकता है।
USCIS की ओर से नोटिस जारी कर ये भी कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति किसी नई कंपनी में नौकरी पाता है तो उस उस कंपनी को जल्द से जल्द कर्मचारी के H-1B वीजा को बढ़ाने के लिए पिटीशन दायर करना होगा।
बता दें कि अमेरिका में H-1B वीजा के सबसे बड़े लाभार्थी भारतीय नागरिक हैं। ऐसे में USCIS के इस फैसले से भारतीय मूल के लोग प्रभावित हो सकेंगे।
हजारों कर्मचारियों की छंटनी
अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में कई प्रतिष्ठित टेक कंपनियों ने हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर उन्हें नौकरी से निकाला है। इसमे गूगल, टेस्ला, माइक्रोसॉफ्ट, एपल, डेल, ट्विटर, अमेजन और वॉलमार्ट जैसी कंपनियों के नाम शामिल हैं। आंकड़ों की मानें तो 2024 में अब तक अमेरिका की 247 टेक कंपनियों ने 58499 लोगों को नौकरी से निकाला है जिससे उनका जीवन प्रभावित हुआ है।