Muhammad Yunus: व्यवसाय चौपट हुआ जा रहा, सेना अपने राह चल रही और जनता बेलगाम होकर अपने हिस्से का काम कर रही है। यहां बात बांग्लादेश के संदर्भ में हो रही है जहां फिर एक बार एक हिंदू महिला के साथ दरिंदगी का मामला सामने आया है। दरअसल, खालिद जिया के गुट वाले बांग्लादेशी नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के एक नेता पर 21 वर्षीय हिदू महिला के साथ दरिंदगी करने के आरोप लगे हैं। सवाल उठ रहे हैं कि इन तमाम एपिसोड के बीच मुहम्मद युनूस कहां हैं? क्या बेलगाम हो रहे बांग्लादेश को Muhammad Yunus ने बंटाधार के लिए छोड़ दिया है? ढ़ाका में सड़कों पर हुए संग्राम के बाद अंतरिम सरकार को कटघरे में कर ढ़ाका विश्वविद्यालय के छात्रों ने ये तमाम सवाल पूछे हैं।
हिंदू महिला के साथ दरिंदगी के बाद ढ़ाका की सड़कों पर संग्राम!
21 वर्षीय एक हिंदू महिला खालिद जिया के गुट वाली BNP नेता के नापाक मंसूबों की भेंट चढ़ गई है। आरोप है कि फजोर अली ने अपने साथियों के साथ मिलकर हिंदू महिला के साथ दरिंदगी की। हैवान यहीं नहीं रुके और पीड़िता के घर में घुसकर उसके साथ मारपीट कर तोड़फोड़ की घटना को भी अंजाम दिया। ये सब कुछ Muhammad Yunus सरकार की निरंकुशता को दर्शाता है। खबरों के मुताबिक पीड़िता का पति दुबई में काम करता है जिसका फायदा उठाकर दरिंदो ने अकेली हिंदू युवती को हवस का शिकार बना लिया। इस मामले में 27 जून को शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद बीते कल ढ़ाका की सड़कों पर जमकर प्रदर्शन हुए। ढ़ाका विश्वविद्यालय के छात्रों ने मुहम्मद युनूस की अंतरिम सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कई गंभीर सवाल उठाए हैं।
अंतरिम सरकार के मुखिया Muhammad Yunus की कार्यशैली पर उठे सवाल!
दरअसल, युनूस सरकार लगातार अपनी ही आवाम के बीच लोकप्रियता खोती जा रही है। कुछ ही दिन पहले की बात है जब एक दुर्गा मंदिर को कट्टरपंथियों ने बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया था। इसके ठीक बाद अब 21 वर्षीय हिंदू महिला के साथ दरिंदगी का मामला चरमपंथियों के बोलबाला को दर्शाता है। हिंदुओं पर हमले की बात हो, बांग्लादेशी सेना का अलग रास्ता अपनाना हो, व्यवसाय का बंटाधार करना हो या जनता का बेलगाम होना। Muhammad Yunus की अंतरिम सरकार हर मोर्चे पर फेल नजर आ रही है।
यही वजह है कि अंतरिम सरकार के कार्यकाल में एक के बाद एक शर्मनाक घटनाएं हो रही हैं। हालांकि, अब सारी हदें पार हो गई है और मुहम्मद युनूस के पाप का घड़ा भर चुका है। बांग्लादेशी आवाम भी आम चुनाव के इंतजार में है जिसके बाद चरमपंथी मुहम्मद युनूस को सत्ता से उखाड़ फेंका जाए और मुल्क में शांति व्यवस्था कायम की जाए।