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India At UNSC: ‘आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस..’ संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान की उड़ाई खिल्ली; इस मामले में पाक को घेरा; जानें डिटेल

India At UNSC
फाइल फोटो प्रतीकात्मक

India At UNSC: एक बार फिर भारत ने पूरी दुनिया में पाकिस्तान को बेनकाब कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की तरफ से स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार को जवाब दिया है। दरअसल UNSC में पाक के उप-प्रधानमंत्री ईशाक डार ने भारत पर आक्रामक रवैया अपनाने और कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन जैसे आरोप लगाए, जिसके बाद भारत ने पलटवार करते हुए पोल खोल दी है। इसके अलावा भारत ने आतंकवादी हमले को लेकर भी पाक को खरीखोटी सुनाई, भारत ने आरोप लगाया कि पाक द्वारा दशकों तक इंडिया पर आतंकवादी हमले किए गए है (India At UNSC)।

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान की उड़ाई खिल्ली – India At UNSC

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र ( India At UNSC) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि, “मैं भी पाकिस्तान के प्रतिनिधि की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देने के लिए बाध्य हूँ। भारतीय उपमहाद्वीप प्रगति, समृद्धि और विकास के मॉडल के मामले में बिल्कुल विपरीत है। एक ओर भारत है जो एक परिपक्व लोकतंत्र, एक उभरती अर्थव्यवस्था और एक बहुलवादी व समावेशी समाज है। दूसरी ओर पाकिस्तान है, जो कट्टरता और आतंकवाद में डूबा हुआ है और आईएमएफ से लगातार कर्ज ले रहा है।

जब हम अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने पर चर्चा कर रहे हैं, तो यह समझना ज़रूरी है कि कुछ बुनियादी सिद्धांत हैं जिनका सार्वभौमिक रूप से सम्मान किया जाना चाहिए। उनमें से एक है आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता। परिषद के किसी सदस्य के लिए यह उचित नहीं है कि वह ऐसे आचरण में लिप्त होकर उपदेश दे जो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अस्वीकार्य है।”

अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा पर क्या बोला भारत?

बता दें कि “संयुक्त राष्ट्र के 80 वर्ष पूरे होने पर, यह इस बात पर विचार करने का एक उपयोगी अवसर है कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित बहुपक्षवाद और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की भावना को किस हद तक साकार किया गया है। साथ ही, इस राह में क्या बाधाएँ रही हैं। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद के पहले चार दशकों में उपनिवेशवाद का अंत हुआ और शीत युद्ध का दौर भी चला।

संघर्षों को काफी हद तक नियंत्रित और प्रबंधित किया गया। इन प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र की महत्वपूर्ण भूमिका थी। वास्तव में, 1988 में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। शीत युद्ध की समाप्ति के बाद, महाद्वीपों में कई संघर्ष छिड़ गए”। गौरतलब है कि भारत लगातार यूएनएससी में पाकिस्तान की पोल खोलता हुआ आ रहा है (India At UNSC)।

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