Iran Protest: कभी युद्ध क्षेत्र बनने, तो कभी परमाणु मुद्दों पर तकरार की भाव के साथ सुर्खियों में रहने वाले ईरान की स्थिति बदल गई है। इस्लामी मुल्क में जेन-जी तेहरान की सड़कों पर उतर चुकी है। इसकी वजह मुल्क में गहराता आर्थिक संकट है। मुल्क के तमाम अन्य वर्ग सड़कों पर उतरकर मौलवी शासन के खिलाफ नारे लगा रहे हैं। तानाशाही मुर्दाबाद और ‘मुल्लाओं को ईरान छोड़ना होगा’ जैसे नारे तेहरान की सड़कों पर गूंज रहे हैं जो सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई को हैरान कर सकते हैं। प्रदर्शनकारी आवाम का साफ कहना है कि खराब आर्थिक योजना और वैचारिक एजेंडे को प्राथमिकता देना ईरान की स्थिति बदतर होने का कारण है। यही वजह है कि उग्र आवाज तेजी से ईरान को अपनी ज़द में ले रही है। ईरान में अब आगे क्या होगा इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।
नेपाल के बाद अब ईरान में जेन-जी का रौद्र रूप! – Iran Protest
राजधानी तेहरान की सड़कों पर भारी संख्या में लोग मौलवी शासन के खिलाफ नारे लगा रहे हैं। ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई और राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के खिलाफ भी उग्र आवाज उठ रही है। इसका प्रमुख कारण है ईरान में गहराता आर्थिक संकट। दरअसल, जेन-जी ने रौद्र रूप धारण करते हुए सुप्रीम लीडर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ईरान में फिलहाल महंगाई 42 फीसदी से ज्यादा हो चुकी है। वहीं खाने पीने की चीजों की कीमत 72 फीसदी तक बढ़ चुकी है। ईरानियों के सिर अब रोटी जुटाने के लिए खतरा मंडरा रहा है। तेल, दवा और ईंधन जैसी बुनियादी जरूरतों की वस्तुओं की कीमतें भी आसमान छू रही हैं। यही वजह है कि जेन-जी सड़कों पर उतर कर मौलवी शासन के खिलाफ नारे लगा रही है।
इससे पहले नेपाल में ऐसी स्थिति देखने को मिली थी जब नेपाली हुकूमत के एक फैसले को लेकर जेन-जी सड़कों पर उतर गई थी। इसका असर ये हुआ कि तत्कालीन पीएम केपी शर्मा ओली को पद छोड़ना पड़ना। मुल्क की कमान सुशीला कार्की को सौंपी गई तब जार स्थिति सहज हुई। यही वजह है कि नेपाल के बाद अब ईरान में हुकूमत के खिलाफ सड़कों पर उतरी जेन-जी पर सबकी नजरें टिकी हैं।
ईरान में प्रदर्शन के बाद अब आगे क्या?
खाड़ी देश ईरान और नेपाल की तुलना नहीं की जा सकती। ईरान की स्थिति नेपाल से बहुत अलग है। ईरान में मौलवी शासन है जिसके खिलाफ आवाज उठाना आसान नहीं। आए दिन शासन पर क्रूरता के आरोप लगते रहे हैं। लोगों के बीच भय का एक माहौल सामान्य है। ऐसी स्थिति में भी यदि आवाम तेहरान की सड़कों पर उतर गई है, तो ये सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई के लिए हैरानी का विषय है। जिस खामेनेई के चरणों में ईरानी आवाम लिपटी नजर आती थी, अब उसी शासन के खिलाफ विरोध के स्वर गूंज रहे हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि तेहरान में जेन-जी के इस भयंकर विरोध-प्रदर्शन का क्या असर होता है।
