Pakistan Balochistan News: बीएलए पाकिस्तान के लिए गले में फंसी उस हड्डी के समान है, जिसे ना वो निगल पा रहा है और नाही उगल पा रहा है। इसी बीच खबर है कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने अपना झंडा बुलंद करते हुए एक बार फिर पाकिस्तानी सेना को गहरा जख्म दे दिया है। ताजा Pakistan Balochistan News के मुताबिक बीएलए के लड़ाकों ने 2 पाकिस्तानी सेना के वाहनों को निशाना बनाते हुए कुल 5 सैनिकों को मार गिराया है। वहीं कई आसिम मुनीर की सेना के कई जवान घायल बताए जा रहे हैं। BLA से बार-बार जख्म मिलने के बावजूद आखिर दुश्मन अपनी हरकतों से बाज क्यों नहीं आ रहा? क्या दुश्मन देश पाकिस्तान को मातम पसंद है? ये तमाम सवाल हैं जिसका जवाब लोग जानना चाहते हैं। ऐसे में आइए इस मसले पर चर्चा करते हुए सभी पहलुओं पर बारीकी से बात करेंगे।
BLA ने आसिम मुनीर की पाकिस्तानी सेना को दिया गहरा जख्म!
लगातार आजादी की मांग से जुड़ी आवाज को बुलंद करते हुए बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के लड़ाके पाकिस्तान पर कहर बनकर टूट रहे हैं। याद कीजिए कैसे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी BLA ने कई पाकिस्तानी वाहनों को निशाना बनाते हुए आसिम मुनीर के दर्जनों सैनिकों को मार गिराया था। अब इसी फेहरिस्त में बीएलए ने एक बार फिर पाकिस्तानी सेना को गहरा जख्म देते हुए 5 सैनिकों को मौत के घाट उतारा है। बलूचिस्तान के जमुरान और क्वेटा में दो अलग-अलग जगहों पर पाकिस्तानी सेना के वाहनों को निशाना बनाते हुए BLA ने 5 को मार गिराया है। वहीं कई घायल बताए जा रहे हैं। आजादी की मांग पर अड़े बीएलए ने साफ तौर पर कहा है कि जब तक पाकिस्तानी सेना Balochistan के इलाके को नहीं छोड़ देती, हमले का ये क्रम तब तक जारी रहेगा।
मातम के बीच भी हरकतों से क्यों नही बाज आ रहा Pakistan!
ये एक ऐसा सवाल है जिसका पुख्ता जवाब शायद पाकिस्तान के हुक्मरान शहबाज शरीफ या सेना प्रमुख आसिम मुनीर ही दे सकते हैं। फिलहाल, ये कहा जा रहा है कि Pakistan की नजर बलूचिस्तान की धरती तले छिपे प्राकृतिक संसाधनों पर है। बलूचिस्तान में क्रूरता के कई नमूने दिखा चुका पाकिस्तान जानता है कि यदि Balochistan से नियंत्रण खत्म हुआ, तो भी कंगाली का अलग आलम देखने को मिलेगा। यही वजह है कि BLA से बार-बार पिटने के बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और मातम के बीच भी बलूचियों पर क्रूरता कर रहा है। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि संघर्ष की ये दास्तां कब तक चलती है और अंतत: आस्तित्व के इस जंग में कौन विजयी होता है।