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तालिबानियों को बैकअप देकर पाकिस्तान में घिर गए PM शहबाज? खैबर पख्तूनख्वा में मुनीर सेना के साथ हुक्मरानों के खिलाफ विद्रोह की गूंज

Pakistan News: खैबर पख्तूनख्वा से पाकिस्तानी डीप स्टेट के खिलाफ आवाज उठी है। स्थानीय मुख्यमंत्री अली अमीन ने पाकिस्तानी डीप स्टेट द्वारा तालिबानियों को बैकअप देने का आरोप लगाकर हुकूमत और सेना को बेनकाब कर दिया है।

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Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Pakistan News: मुनीर सेना के साथ पाकिस्तानी हुक्मरान भी हर मोर्चे पर घिरते नजर आ रहे हैं। पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ के खिलाफ अब उनके ही मुल्क में विद्रोह की गूंज सुनी जा रही है। आरोप है कि पाकिस्तानी डीप स्टेट तालिबानियों को बैकअप देकर अपने ही मुल्क के खिलाफ कदम उठा रहा है। ये आरोप खैबर पख्तूनख्वा के सीएम अली अमीन गंडापुर की ओर से लगाए गए हैं। सीएम अली अमीन ने तालिबानियों के खिलाफ कार्रवाई का जिक्र कर पाकिस्तानी हुकूमत को अपने ही राष्ट्र में घेर लिया है। ये एक ऐसा प्रकरण है जो पाकिस्तानी हुकूमत की मंशा पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाने का काम कर रहा है।

खैबर पख्तूनख्वा में मुनीर सेना के साथ हुक्मरानों के खिलाफ विद्रोह की गूंज

स्थानीय नेता और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने मुनीर सेना के साथ पाकिस्तानी हुक्मरानों को निशाने पर लिया है। सीएम अली अमीन ने तालिबान को पाकिस्तान का बैकअप होने का जिक्र करते हुए कहा है कि “उनकी सरकार जब भी ताबिबानियों पर कार्रवाई करती है, तो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और एमआई हस्तक्षेप कर उन्हें रिहा करा ले जाती है। ये बातें विद्रोह के गूंज की समान है जो आसिम मुनीर और पीएम शहबाज शरीफ के खिलाफ उठ रही है। पाकिस्तान में तालिबानियों का कहर जारी है। बलूच विद्रोही के साथ तालिबानी भी पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में हमला कर लोगों को निशाना बना रहे हैं। हालांकि, उन्हें संरक्षण मिलना और पाकिस्तानी हुकूमत में शामिल एजेंसियों द्वारा उनकी पैरवी कर तालिबानियों को रिहा करा देना, पाकिस्तान सरकार के मंसूबों पर सवाल खड़ा करता है।

आतंक के आका पाकिस्तान के मंसूबों पर गहराया संदेह

कभी लश्कर-ए-तैयबा के बैनर तले आयोजित कार्यक्रमों में पाकिस्तानी सरकार के सिपासलारों का हिस्सा बनना, तो कभी आतंकियों के जनाजे में शामिल होना। ये तमाम घटनाक्रम आतंक के आका पाकिस्तान के मंसूबों पर संदेह गहराने का काम कर रहे हैं। एक और पाकिस्तानी सेना जहां बलोचिस्तान में घुसकर आम लोगों की हत्या करती है। वहीं दूसरी ओर लश्कर-ए-तैयबा और तालिबानियों को पाकिस्तानी आईएसआई का बैकअप उन्हें बेनकाब कर रहा है। ये दर्शाता है कि कैसे पाकिस्तान की शहबाज सरकार और मुनीर सेना मौन समर्थन देकर आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम कर रही है। ये सारे घटनाक्रम पाकिस्तानी हुकूमत और मुनीर सेना को संदेह के घेरे में लाते हुए प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहे हैं।

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