Scott Bessent: अमेरिका की तरफ से पहले भारत पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगाया गया, उसके बाद ट्रंप सरकार की तरफ से एच-1बी वीजा शुल्क को बढ़ा दिया गया था। यानि अब एच-1बी वीजा पाने वालो को करीब 88 लाख रूपये की धनराशि देना होगी। वहीं अब खबर सामने आ रही है कि एच-1बी वीजा में बड़े उलटफेर होने की उम्मीद है। दरअसल ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने बताया है विदेश कुशल कारीगरों को अमेरिका बुलाया जाएगा और अमेरिकी कारगरों को ट्रेनिंग देने के बाद उन्हें वापस भेज दिया जाएगा। जिसके बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है कि क्या है अमेरिका में काम करने वाले भारतीयों की मुसीबत बढ़ने वाली है। चलिए आपको बताते है इससे जु़ड़ी सभी अहम जानकारी।
अमेरिका मे नौकरी का सपना देखने वालो के लिए बुरी खबर – Scott Bessent
दरअसल ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने फोक्स चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि “ट्रंप का लक्ष्य एच-1बी जैसे अस्थायी वीज़ा कार्यक्रमों का इस्तेमाल सीमित अवधि के लिए विशेषज्ञता आयात करने के लिए करना है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि विदेशी पेशेवरों के स्वदेश लौटने से पहले अमेरिकी कर्मचारी कौशल हासिल कर सकें। उन्होंने बताया कि यह योजना महत्वपूर्ण उद्योगों को स्वदेश वापस लाने और आयात पर निर्भरता कम करने के ट्रंप के व्यापक प्रयास को दर्शाती है”।
अगर आसान भाषा में समझे तो अमेरिका दूसरे देशों से कुशल कारीगरों और एक्सपर्ट को बुलाएगा, और जब वह अमेरिकी कारीगरों को सारी चीजें सीखा देंगे, तो उनको अपने देश भेज दिया जाएगा। अमेरिका में सबसे ज्यादा भारतीय ही काम के सिलसिले में जाते है। यानि यह भारतीयों की मुश्किलें बढ़ा सकता है।
एच-1बी वीजा में बड़े उलटफेर को लेकर क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप
फ़ॉक्स को दिए एक अलग इंटरव्यू के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका के पास “कुछ ख़ास प्रतिभाएँ नहीं हैं, और तर्क दिया कि अमेरिकियों को तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षित करने के लिए विदेशी विशेषज्ञों की ज़रूरत है। आप लोगों को बेरोज़गारी की रेखा से हटाकर यह नहीं कह सकते कि, ‘हम मिसाइलें बनाने जा रहे हैं। यानि यह तो साफ है कि आने वाले समय में अमेरिका और ट्रंप सरकार विदेशी कारीगरों के लिए नए नियम ला सकती है। बत दें कि इसमे सबसे अधिक मात्रा भारतीयों की होती है।
