Imran Khan: पाकिस्तान की गली-गली में इमरान खान सुर्खियों का विषय बने हैं। इसकी प्रमुख वजह है पड़ोसी मुल्क के सेना का दागदार अतीत। आसिम मुनीर से पहले भी कई सेना प्रमुखों ने पाकिस्तानी हुकूमत को झुनझुना बनाते हुए मुल्क में अत्याचार की इंतहा पार की है। जुल्फिकार अली भुट्टो से लेकर बेनजीर भुट्टो तक इसके साक्षात उदाहरण हैं जिनके साथ पाकिस्तानी सेना का जुल्म जगजाहिर है।
यही वजह है कि पूर्व पीएम इमरान खान की गुमशुदगी दुनिया का ध्यान आकर्षित कर रही है। पाकिस्तानी आवाम भी इमरान खान को हुई सजा को लेकर चिंतित है और सड़कों पर पीएम शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर के खिलाफ नारे लग रहे हैं। ऐसे में आइए हम आपको आवाम की चिंता का प्रमुख वजह बताते हैं।
जुल्फिकार अली भुट्टो से लेकर बेनजीर भुट्टो तक, दागी है आसिम मुनीर सेना का अतीत!
अतीत के पन्ने पलटने पर पाकिस्तानी सेना की जुल्म साफ तौर पर नजर आती है। बात चाहें जुल्फिकार अली भुट्टो की करें या बेनजीर भुट्टो की। पाकिस्तानी सेना मौका आने पर किसी को नहीं छोड़ती। 1977 में चुनाव जीतने के बावजूद जुल्फिकार अली भुट्टो को वोट धांधली के आरोप का सामना करना पड़ा, जिससे पूरे देश में हिंसा भड़क उठी। आलम ये हुआ कि उनपर मामले दर्ज हुए और 5 जुलाई 1977 को सेना प्रमुख मुहम्मद जिया-उल-हक ने सैन्य तख्तापलट कर उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया। अंतत: 4 अप्रैल 1979 को जुल्फिकार अली भुट्टो फांसी की भेंट चढ़ गए।
इससे इतर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की नेता बेनजीर भुट्टो भी अव्यवस्था की भेंट चढ़ गई थीं। पहले सेना ने बेनजीर को भ्रष्टाचार के आरोपों की मदद से सत्ता से बाहर कर दिया। इसके बाद प्रचार-प्रसार में जुटी बेनजीर भुट्टो की एक आत्मघाती बम विस्फोट में मौत हो गई। 27 दिसंबर, 2007 की शाम रावलपिंडी से एक रैली संबोधित कर लौट रही बेनजीर को 15 साल के खुदकुश हमलावर बिलाल मौत के घाट उतार दिया।
इन दोनों प्रकरण से इतर अक्टूबर 1999 में सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ, 1971 में जेड ए भुट्टो को 1958 में सेना प्रमुख जनरल अयूब खान की तानाशाही देखी जा चुकी है। ये दर्शाता है कि पाकिस्तानी सेना का अतीत दागी रहा है जिसकी वजह से आवाम सदैव चिंतित रहती है।
पूर्व पीएम Imran Khan की गुमशुदगी को लेकर आवाम चिंतित?
पड़ोसी मुल्क में पूर्व पीएम इमरान खान को लेकर तरह-तरह की खबरें चल रही हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स में इमरान खान की मौत का दावा सामने आया जिसके बाद इसका खंडन हुआ। फिर अदियाला जेल के बाहर प्रदर्शन हुए और इमरान खान की गुमशुदगी पर चिंता व्यक्त की गई। आम आवाम के साथ पूर्व पीएम की बहनें भी उनकी गुमशुदगी को लेकर चिंतित हैं। आसिम मुनीर की सेना की दागी अतीत को ध्यान में रखते हुए सबके मन में तरह-तरह के विचार आ रहे हैं। यही वजह है कि इमरान खान को उनके परिवार से मिलाने की मांग तेजी से उठ रही है। अब देखना होगा कि पीएम शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर कैसे इस चुनौती से पार पाते हैं।
