जिस तरह से इलेक्ट्रोनिक सामानों को चलाने के लिए बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है। उसी तरह अब धरती भी बैटरी से चल सकेगी। जी हां आप बिल्कुल सही पढ़ रहे हैं। ये खबर आपको हैरान कर सकती है, लेकिन यकीन मानिए ये खबर पूरी तरह से सच है। वैज्ञैनिकों को कुछ ऐसे तारे मिले हैं जो धरती के पर्यावरण को बचाने के लिए बैटरी का काम कर सकते हैं।
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क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें, भारतीय वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में ऐसे पांच लाख तारों की खोज की है, जो लिथियम से भरे हुए हैं। अगर ये लिथियम धरती पर लाने के लिए वैज्ञानिक तैयार हो जाते हैं तो धरती को बड़ा फायदा हो सकता है। इसके साथ ही सैकड़ों सालों के लिए दुनिया को ग्रीन और क्लीन एनर्जी का स्रोत भी मिल जाएगा।इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स बेंगलुरु के साइंटिस्ट दीपक और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के प्रो. डेविड एल लैम्बर्ट ने इसकी जानकारी दी है।
क्या कहते हैं वैज्ञानिक?
सूरज जैसे रेड जायंट तारों की सतह पर लिथियम की मात्रा काफी ज्यादा है। लेकिन ये पिघल जाते हैं। अगर किसी तरह से इन्हें धरती पर लाने में कामयाबी मिल जाती है तो दुनिया को बड़ा फायदा होगा। इसके साथ ही इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स बेंगलुरु के साइंटिस्ट दीपक और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के प्रो. डेविड एल लैम्बर्ट ने बताया है कि, लिथियम से भरपूर तारों के केंद्र में हीलियम का जलता हुआ केंद्र है। जिसमें भरपूर मात्रा मे लीथियम है। आपको बता दें, यह स्टडी हाल ही में MNRAS नाम के जर्नल में प्रकाशित हुई है। जिसमें बताया गया है कि, वैज्ञानिकों ने तारों की सतह पर लिथियम का अंदाजा तो लगाया था लेकिन यह जानकारी नहीं थी कि यह कैसे इतनी ज्यादा मात्रा में मिलता है या बनता है। अब इसका प्रयोग वैज्ञानिक कैसे कर पाते हैं? इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।
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