आज कृष्ण जन्माष्टमी है। पूरे देश में आज श्री कृष्णा का जन्मदिवस पूरे धूमधाम से मनाया जाएगा। खासकर उत्तर प्रदेश के मथुरा में। मथुरा कृष्ण की जन्मस्थली है। वहां की रौनक ही निराली है। लेकिन आज हम आपको ऐसे राधा-कृष्ण मंदिर के बारे में बताएंगे जहां कृष्णा की नहीं बल्कि राक्षसी पूतना की पूजा की जाती है। पूतना को वहां देवी की तरह पूजा जाता है। ये अनोखा मंदिर पश्चिम बंगाल के हुगली में है जहां बीते 100 सालों से पूतना की पूजा की जा रही है।हुगली के चंदन नगर के लीचूपट्टी इलाके के राधा गोविंद बाड़ी में यह मंदिर है।
4 पीढ़ियों से एक परिवार कर रहा है सेवा
जहां जन्माष्टमी के दिन कुछ अनोखा देखने को मिलता है। जहां पूरे देश में आज श्री कृष्णा की पूजा होगी। वहीं हुगली के इस मंदिर में पूतना राक्षसी की गोद में बैठे श्री कृष्णा को पूजा जाएगा। इस मंदिर में चंदननगर के लीचूपट्टी इलाके का एक परिवार बीते 4 पीढ़ियों से इस मंदिर में सेवा दे रहा है। परिवार में पूर्वजों के सपने में राक्षसी पूतना के आने के बाद मूर्ति की स्थापना की गई थी। परिवार के बड़े अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि चंदन नगर में फारसी शासन की स्थापना से पहले करीब 100 वर्ष पहले उनके पूर्वज ने महाभारत काल के प्रसिद्ध राक्षसी पूतना की मूर्ति की स्थापना की थी। अधिकारी का कहना है कि पहले जब मूर्ति को स्थापित किया गया था तो वह बहुत छोटी थी लेकिन बाद में वो बड़ी होती गई।
राधा गोविंद,जगन्नाथ,बलराम की भी होती है पूजा
बता दें कि पूतना को मथुरा के राजा और श्री कृष्ण के मामा कंस ने बचपन में कृष्णा को मारने के लिए भेजा था। पूतना ने श्रीकृष्ण को अपना जहरीला दूध पिलाने की कोशिश भी की लेकिन कृष्णा ने अपनी लीला से राक्षसी के प्राण हर लिये। ये मंदिर हर मायनों में खास है। जैसे ही आप मंदिर में प्रवेश करेंगे आपको बड़ी ही पूतना की मूर्ति रखी दिख जाएगी। पूतना की गोद में श्री कृष्ण भी विराजमान हैं। वहीं मंदिर में पूतना के अलावा भगवान राधा गोविंद,जगन्नाथ,बलराम और सुभद्रा की मूर्ति भी दिख जाएंगी।
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