कल का मौसम 5 Sep 2025: साल 2025 खत्म होने में महज 4 महीनें का समय बच गया है। लेकिन कुदरत के कहर के कारण कई राज्य पूरी तरह से तबाह हो गए है। इस साल मौसम का लगातार रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। पहाड़ों पर लगातार बादल फटने और भूस्खलन से तबाही मची हुई है। कुदरत के कारण अभी तक सैकड़ों जिंदगियां तबाह हो गई है। अगर मैदानी इलाकों की बात करें तो पंजाब में बाढ़ से भयंकर तबाही मची हुई है, अभी तक 30 से अधिक लोगों की जान चली गई है। वहीं दिल्ली में बाढ़ से कई इलाकें जलमग्न हो गए है। बिहार, यूपी में बाढ़ से कई जिलें पूरी तरह से तबाह हो गए है। इसी बीच आईएमडी ने कल का मौसम 5 Sep 2025 के लिए मौसम का पुर्वानुमान जारी कर दिया है।
राजधानी दिल्ली में बाढ़ से कई इलाके हुए जलमग्न
राजधानी दिल्ली में लगातार हो रही बारिश के कारण यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। एतिहातन दिल्ली के अक्षरधाम, मयूर विहार, यमुना बाजार, आईएसबीटी एरिया में एनडीआरएफ की तैनाती की गई है, ताकि लोगों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो, और किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सकें। वहीं अगर दिल्ली में कल का मौसम 5 Sep 2025 की बात करें तो विभाग ने आने वाले दिनों में दिल्ली में भारी बारिश की चेतावनी जारी कर दी है। यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले दिनों में दिल्लीवासियों की और परेशानी बढ़ सकती है।
Bihar में तेज बारिश, बिजली गिरने का अलर्ट
बिहार में मौसम का अलग ही रंग देखने को मिल रहा है, कई जिलों में सूखा पड़ने से किसान परेशान है, तो कहीं मौसम विभाग ने भयंकर बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है। अगर बिहार में कल का मौसम की बात करें तो विभाग ने सासाराम, भागलपुर, गया जी, पटना, औरंगाबाद, बेगूसराय समेत कई जिलों में भयंकर बारिश और बिजली गिरने का अलर्ट जारी कर दिया है। गुजरात राज्य में 07 सितंबर तक भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। गुजरात क्षेत्र में कुछ स्थानों पर 04-06 सितंबर के दौरान और सौराष्ट्र और कच्छ में 06 और 07 सितंबर को अत्यंत भारी वर्षा होने की संभावना है।
Uttarakhand में कल का मौसम 5 Sep 2025 कैसा रहेगा?
पहाड़ों पर मौसम का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। लगातार हो रही बारिश, भूस्खलन, वज्रपात के कारण मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर में 1 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी है। सैकड़ों घर पूरी तरह से तबाह हो गए है, लोग सड़कों पर रह है। मूलभूत सुविधाओं के लिए लोग तरस रहे है, और प्रशासन पर निर्भर है। सड़कें पूरी तरह से तबाह हो चुकी है।