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बरसात के मौसम में चिकनगुनिया, डेंगू, बैक्टीरियल इनफेक्शन, स्किन इन्फेक्शन जैसी बीमारियां हो जाती हैं, गंदे पानी के कारण डेंगू और चिकनगुनिया से बचने के लिए सतर्कता की ज़रूरत होती है। चिकनगुनिया मच्छर के काटने से शरीर में होने वाला वायरस जिससे लोग बीमार पड़ते हैं।
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ये मच्छर दिन की रोशनी में काटते हैं, इसलिए सुबह और दिन के बाद आपको मच्छरों से ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता होती है, आपको चिकनगुनिया के कोई भी लक्षण दिखें, तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें।
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चिकनगुनिया के शुरुआती लक्षण में 102 डिग्री सेल्सियस से लेकर 104 डिग्री सेल्सियस तक बुखार होता है, इसमें आपको उल्टियां भी हो सकती हैं। ये बुखार 10 - 15 दिन तक रहता है।
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जोड़ों में तेज दर्द इस बीमारी का सबसे पहला लक्षण होता है, दर्द के साथ आपको सूजन भी आ सकती है। हर किसी के शरीर पर चिकनगुनिया से रैशेज नहीं होते, लेकिन कई लोगों को रैशेज से खुजली होती है।
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चिकनगुनिया से बचने के लिए घर में या घर के आसपास पानी इकठ्ठा न होने दें। खुले बर्तन में पानी भरकर न रखें। किचन और बाथरूम में साफ़ सफाई रखे और पानी जमा न होने दें। इससे बचने के लिए आप घर में सुखी नीम की पत्तियों का धुँआ दे सकते हैं।
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चिकनगुनिया का कोई भी लक्षण दिखाई देने पर सबसे पहले आपको स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए। चिकनगुनिया किसी खतरनाक महामारी से कम नहीं है, इससे हर साल काफी लोगों की मौतें होती हैं।
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