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दुनिया भर में हृदय के रोग बढ़ रहे हैं, फिर भी हम में से कई लोग “Heart Attack” और “Cardiac Arrest” में अंतर नहीं पता होता।
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क्या आपको पता है दोनो स्थितियाँ अलग अलग है। आइए जानते है कि कैसे आप पहचान कर सकते है हार्ट अटैक और कार्डीऐक अरेस्ट में |
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एक रिपोर्ट के अनुसार, हार्ट अटैक कोरोनरी धमनियों के अवरुद्ध के कारण होने वाली समस्या है। यदि इस स्थिति को अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो हृदय तक रक्त का प्रवाह रुक जाता और पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है।
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वहीं कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब व्यक्ति का हृदय रक्त को पंप करना बंद कर देता है। इस स्थिति में रोगी सामान्य सांस नहीं ले पाता है।
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धमनियों में रुकावट के कारण, हृदय में रक्त के प्रवाह में आने वाली दिक्कत के कारण हार्ट अटैक की समस्या होती है।
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हार्ट अटैक में सीने में दर्द, दबाव-जकड़न जैसा महसूस होता है। कुछ स्थितियों में कंधे, हाथ, पीठ, गर्दन, जबड़े फैल जाता है। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में इसका खतरा ज्यादा होता है।
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कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में दिल अचानक से धड़कना बंद कर देता है।और इससे मस्तिष्क और अन्य अंगों में रक्त के प्रवाह में कम हो जाता है जिसके कारण व्यक्ति बेहोश हो सकता है।
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यह समस्या होती है। जब हृदय की विद्युत प्रणाली ठीक से काम नहीं करती, इससे सीने में दर्द, दिल की धड़कन में अनियमितता, सांस लेने में कठिनाई, बेहोशी या चक्कर आने जैसी समस्या होती है।
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स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार, कार्डियक अरेस्ट के ज्यादातर मामले हार्ट अटैक के कारण ही होते हैं।जिन लोगों को हार्ट अटैक होता है उनके हृदय गति में अनियमतता आ सकती है।
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दोनों ही स्थितियां जानलेवा होती है। समय पर ध्यान ने देने के कारण दोनों जान जाने का खतरा रहता है, इसलिए हृदय रोगों से बचाव करते रहना आवश्यक है।
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