नवरात्रि के चतुर्थी को की जाती है मां कुष्मांडा की अराधना
मां पार्वती के विवाह से लेकर कार्तिकेय तक के रूप को कुष्मांडा कहते हैं
मां के इस रूप को आदिशक्ति एवं आदिस्वरूपा कहते हैं
मां की आठ भुजाएं हैं
कहते हैं मां के इस रूप की पूजा करने से व्यक्ति रोगों से मुक्त हो जाता है
मां के इस रूप ने स्वयं ब्राह्मण की रचना की हैं
मां को लाल फूल एवं लाल वस्त्र अत्यंत प्रिय हैं
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