Author- Anjali Wala 22/05/2025
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तुर्की और अजरबैजान के सामानों और ई-कॉमर्स का बहिष्कार करने से इन देशों को काफी नुकसान हो सकता है।
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तुर्की और अजरबैजान से भारत में जैतून, जैतून का तेल और ड्राई फ्रूट्स का आयात होता है। साथ ही मार्बल और हस्तनिर्मित फैशन सामग्री भी आती है। व्यापारियों ने नागरिकों से इन वस्तुओं को न खरीदने की अपील की है।
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उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के व्यापारी संघ ने अमेरिकी कंपनियों वालमार्ट, फ्लिपकार्ट और अमेजॉन से भी व्यापार न करने का निर्णय लिया है।
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व्यापारियों ने भारत सरकार से मांग की है कि ई-कॉमर्स के क्षेत्र में एक स्पष्ट और सख्त नीति बनाई जाए।
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अगर पूरे भारत में इस तरह का रोष लंबे समय तक देखने को मिला तो तुर्की और अजरबैजान को करोड़ों का नुक्सान झेलना पड़ सकता है।
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रिपोर्ट के मुताबिक कुछ ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स ने तुर्की के अजरबैजान ब्रांडों के उत्पादों को बेचना बंद कर दिया है, जिससे दोनों देशों को नुकसान होगा।
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भारत तुर्की से महत्वपूर्ण उत्पादों का आयात करता है, जैसे कि खनिज ईंधन, कीमती धातुएं और खाद्य उत्पाद। बहिष्कार से इन उत्पादों का व्यापार कम हो सकता है, जिससे तुर्की को नुकसान होगा।
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भारत के बहिष्कार से तुर्की को लगभग 291.6 मिलियन डॉलर का सीधा नुकसान हो सकता है और अतिरिक्त नुकसान हो सकता है।
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इससे इन देशों के व्यापार, पर्यटन और निवेश पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और अनुमान है कि 600 मिलियन डॉलर तक का नुकसान हो सकता है।
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