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सावन का महीना आते ही चारों और खुशियां छा जाती है और लोग जमकर भगवान शिव की उपासना करने लगते हैं। ऐसा कहा जाता है कि सावन के मास में शिव जी की साधना करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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हम पूजा तो पूरी श्रद्धा से करते हैं लेकिन हम अनजाने में कई ऐसी चीजें कर जाते हैं जिन्हें श्रावण के मास में करना कतई नाकारा गया है। आइए जानते उन ग़लतियों के बारे में।
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सावन सोमवार में हमेशा सात्विक भोजन ही करना चाहिए। सेब, केला, दूध, दही, सेंधा नमक का सेवन आप सोमवार के व्रत में कर सकते हैं। इसके अलावा मास मदिरा, मिर्च, साधा नमक, मैदा, बैंगन और बेसन का सेवन नहीं करना चाहिए।
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सावन के महीने में दूध का परहेज करना चाहिए क्योंकि दूध शिवलिंग को चढ़ाया जाता है। और दिन में भी सोने से भी बचना चाहिए।
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शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए। भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग और धतूरा बहुत पसंद है तो वह जरूर चढ़ाएं।
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इस महीने में किसी का अपमान न करें और बुरे विचार को भी मन में ना लाएं। खासतौर से गुरु, जीवनसाथी, माता-पिता, मित्र और मेहमानों का अपमान भूलकर भी न करें।
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सावन के महीने में अगर घर के बाहर कोई बैल, गाय आ जाए तो उन्हें भगाने की जगह उन्हें खाने को रोटी देनी चाहिए। बैल को मारना शिवजी के नंदी का अपमान करने समान हैं।
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सावन के महीने में तेल का दान किया जाता है इसलिए इसका इस्तेमाल शरीर पर लगाना अशुभ माना गया है। इससे भगवन शिव नाराज हो सकते हैं।
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