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वाग्देवी माँ सरस्वती की आराधना के लिए जानिए बसंत पंचमी से जुड़ी कुछ खास बातें

By Agatha Android

BY ANJALI SHARMA

अबूझ मुहूर्त का पर्व और देवी सरस्वती की विशेष पूजा का त्योहार वसंत पंचमी आज यानी 5 फरवरी को मनाया जा रहा है।

वसंत पंचमी के दिन वाणी, ज्ञान, कला और शिक्षा की देवी मां सरस्वती की पूजा विधि-विधान के साथ की जाती है।

 ऐसी मान्यता है कि माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मां सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसी कारण से वसंत पंचमी पर मां सरस्वती की विशेष रूप से पूजा-आराधना होती है।

पौराणिक मान्यता है कि वाग्देवी मां सरस्वती की आराधना और ज्ञान के महापर्व को वसंत पंचमी के रूप में जाना जाता है।

बसंत पंचमी से ही बसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है। ये पर्व पंचमी तिथि के दिन सूर्योदय और दोपहर के बीच में मनाया जाता है।

इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना गया है। इस बार बसंत पंचमी पर त्रिवेणी योग बन रहा है।

वसंत पंचमी से वसंत ऋतु का आगाज हो जाता है। इस दिन स्त्रियां पीले वस्त्र पहनकर वसंत पंचमी का स्वागत करती हैं।

वसंत पंचमी के दिन किसी नए काम का आरंभ करना शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि वसंत पंचमी के दिन किसी नए व्यवसाय, गृह प्रवेश और शुभ कार्य आरंभ करने से सब मंगलमय होता है।

वसंत पंचमी पर वाग्देवी सरस्वती को पीले रंग के वस्त्र पहनकर मीठे चावल, बेसन के लड्डू, केसर युक्त खीर का भोग लगाना अत्यंत पुण्यकारी है।