क्या है 5G नेटवर्क पर विवाद के कारण?

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5G नेटवर्क से कई लोग आशंका जता रहे हैं की इसकी रेडिएशन से नागरिकों, जानवरों, पेड़-पौधों को खतरा है।

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कुछ लोगों का मानना है कि अगर 5G नेटवर्क आया तो धरती पर ऐसा कोई शख्‍स, जानवर, च‍िड़‍िया या पौधा नहीं होगा जो साल के 365 दिन रेडिएशन से बच पाए। 

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वैज्ञानिकों ने 5G को लेकर अभी कोई भी जल्दबाजी न करने को कहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक 5G नेटवर्क पर विस्तार से रिसर्च होनी चाहिए। 

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वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर इसे इंसानों के लिए सुरक्षित मान लिया भी जाए तो भी पेड़-पौधों पर इसके असर पर ढेर सारी रिसर्च होनी चाहिए।

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विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अनुसार 5G इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर से जो एक्‍सपोजर होता है, वह 3.5 GHz के बराबर होता है। अभी यह तकनीक विकसित हो रही है, ऐसे में और रिसर्च होनी चाहिए।

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WHO के अनुसार, अभी तक की रिसर्च में वायरलेस तकनीकों का सेहत पर कोई दुष्‍प्रभाव सामने नहीं आया है।

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IIT कानपुर के डायरेक्‍टर अभय करंदीकर के अनुसार, RF रेडिएशंस से स्‍वास्‍थ्‍य पर किसी तरह के दुष्‍प्रभाव की बात किसी रिसर्च में सामने नहीं आई है। 

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