5G नेटवर्क से कई लोग आशंका जता रहे हैं की इसकी रेडिएशन से नागरिकों, जानवरों, पेड़-पौधों को खतरा है।
PICTURE CREDIT - GOOGLE
कुछ लोगों का मानना है कि अगर 5G नेटवर्क आया तो धरती पर ऐसा कोई शख्स, जानवर, चिड़िया या पौधा नहीं होगा जो साल के 365 दिन रेडिएशन से बच पाए।
PICTURE CREDIT - GOOGLE
वैज्ञानिकों ने 5G को लेकर अभी कोई भी जल्दबाजी न करने को कहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक 5G नेटवर्क पर विस्तार से रिसर्च होनी चाहिए।
PICTURE CREDIT - GOOGLE
वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर इसे इंसानों के लिए सुरक्षित मान लिया भी जाए तो भी पेड़-पौधों पर इसके असर पर ढेर सारी रिसर्च होनी चाहिए।
PICTURE CREDIT - GOOGLE
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 5G इन्फ्रास्ट्रक्चर से जो एक्सपोजर होता है, वह 3.5 GHz के बराबर होता है। अभी यह तकनीक विकसित हो रही है, ऐसे में और रिसर्च होनी चाहिए।
PICTURE CREDIT - GOOGLE
WHO के अनुसार, अभी तक की रिसर्च में वायरलेस तकनीकों का सेहत पर कोई दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है।
PICTURE CREDIT - GOOGLE
IIT कानपुर के डायरेक्टर अभय करंदीकर के अनुसार, RF रेडिएशंस से स्वास्थ्य पर किसी तरह के दुष्प्रभाव की बात किसी रिसर्च में सामने नहीं आई है।