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Flex Fuel खत्म कर देगा पेट्रोल-डीजल की जरूरत! जानें किस तरह आपको दे सकता है फायदा

Flex Fuel: देश में पहली इथेनॉल फ्लेक्स फ्यूल वाली कार से पर्दा हट गया है। फिलहाल इसका प्रोटोटाइप उतारा गया है। आने वाले समय में सभी गाड़ियों को फ्लेक्स फ्यूल से चलाया जा सकता है। पेट्रोल और डीजल के मुकाबले ये कितना फायदेमंद साबित हो सकता है।

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Flex Fuel
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Flex Fuel: देश में पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान पर बने हुए हैं। ऐसे में हर कोई इसका अन्य विकल्प खोज रहा है। अन्य विकल्पों में इलेक्ट्रिक व्हीकल का नाम सबसे पहले आता है, मगर ये अधिक खर्चीला होने के चलते इतना तेजी से लोगों की पहुंच तक नहीं पहुंचा है। ऐसे में अब देश में एक नए ईंधन ने अपनी जगह बनानी शुरु कर दी है। हम इथेनॉल फ्लेक्स फ्यूल (Flex Fuel) की बात कर रहे हैं, जी हां, देश के केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दुनिया की पहली इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स फ्यूल से चलने वाली कार को पेश किया।

फ्लेक्स फ्यूल कार से उठा पर्दा

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली में एक आयोजन के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स फ्यूल कार का प्रोटोटाइप के तौर पर टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस से पर्दा उठाया। बताया जा रहा है कि इस कार को टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने पूरी तरह से इंडिया में ही तैयार किया है। ये कार 40 फीसदी इथेनॉल और 60 फीसदी इलेक्ट्रिक एनर्जी से चलेगी। हालांकि, ये सवाल सबके मन में है कि क्या सही में इथेनॉल फ्लेक्स फ्यूल वाली कारें पेट्रोल और डीजल वाली कारों को हटा देंगी।

वातावरण के लिए लाभकारी

इथेनॉल फ्लेक्स फ्यूल एमिशन लेवल में सबसे नीचले पायदान पर आता है। ये पेट्रोल और डीजल इंजन वाली कारों में अधिक होता है। इथेनॉल फ्लेक्स फ्यूल पर्यावरण के लिए काफी लाभदायक हो सकता है। ये ईंधन एक साफ और सुरक्षित फ्यूल के तौर पर काम कर सकता है। फ्लेक्स फ्यूल हाईब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल से वातावरण को साफ रखने में मदद मिलेगी।

पेट्रोल और डीजल के मुकाबले सस्ता

पेट्रोल और डीजल के मुकाबले इथेनॉल फ्लेक्स फ्यूल सस्ता ऑप्शन है। हालांकि, अभी तक सरकार पेट्रोल में 10 फीसदी इथेनॉल का इस्तेमाल कर रही है। मगर आने वाले समय में इसकी मात्रा 20 फीसदी की जा सकती है। कहा जा रहा है कि सरकार साल 2025 तक इसे लागू कर सकती है। इसमें 20 फीसदी इथेनॉल और 80 फीसदी पेट्रोल, जिसे ई-20 फ्यूल भी बताया जा रहा है।

फ्लेक्स फ्यूल की उपलब्धा है आसान

भारत में फ्लेक्स फ्यूल को आसानी से तैयार किया जा सकता है, क्योंकि ये गन्ना और मक्का से बनाया जाता है। देश में इनका अच्छी मात्रा में उत्पादन होता है, ऐसे में ये देश के लिए चिंता का विषय नहीं होगा। इसे अल्कोहल बेस्ड फ्यूल भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें गन्ना और मक्के का मिश्रण होता है। इसे लागू होने से देश की कच्चे तेल पर निर्भता खत्म हो सकती है।

फ्लेक्स फ्यूल को गाड़ियों में फिट करना सरल

आपको बता दें कि फ्लेक्स फ्यूल को आसानी से किसी भी गाड़ी में इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए इंजन में थोड़े बदलाव करने होंगे, मगर ये फुल इलेक्ट्रिक व्हीकल की तुलना में काफी सरल है। इस तरह ये एक ग्रीन एनर्जी का नया विकल्प बन सकता है।

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