Hydrogen Vehicles: भारत समेत दुनियाभर में फिलहाल इलेक्ट्रिक वाहनों में तेजी देखी जा रही है। मगर अभी भी आम फ्यूल यानी पेट्रोल-डीजल के वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। यह तो आप जानते होंगे कि ईंधन से पर्यावरण को कितना भारी नुकसान होता है। ऐसे में केंद्र सरकार आने वाले समय में हाइड्रोजन वाहनों को देशभर में चलाने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में केंद्रीय परिवहन मंत्री Nitin Gadkari ने एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को टाटा मोटर्स और इंडियन ऑयल द्वारा तैयार किए गए 3 हाइड्रोजन वाहनों को दिल्ली में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
Hydrogen Vehicles को लेकर Nitin Gadkari ने बताया पूरा प्लान
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये हाइड्रोजन वाहन अगले 18 से 24 महीनों तक फरीदाबाद-दिल्ली एनसीआर और अहमदाबाद-सूरत-वडोदरा कॉरिडोर में चलेंगे। वहीं, इसमें इंडियन ऑयल शुरुआती परीक्षण के लिए फ्यूल की भागीदार के रूप में काम करेगा। Nitin Gadkari ने बताया है कि राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत भारत का लक्ष्य 2030 तक सालाना 5 मिलियन मीट्रिक टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करना है।
इससे जीवाश्म फ्यूल के आयात में 1 लाख करोड़ रुपये और कार्बनडाई ऑक्सीजन यानी CO2 उत्सर्जन में 50 मिलियन मीट्रिक टन की कमी आएगी। नितिन गडकरी ने आगे बताया कि इस मिशन के दौरान 8 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 6 लाख नौकरियां पैदा की जाएंगी।
हाइड्रोजन वाहन से मिल सकते हैं कई फायदें
आपको बता दें कि मौजूदा वक्त में भारत को अरबों डॉलर का कच्चा तेल खाड़ी देशों से आयात करना पड़ता है। इसके बाद देश में फ्यूल की जरूरत को पूरा किया जाता है। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग के साथ-साथ इसकी रेंज में इजाफा देखने को मिल रहा है। मगर अभी भी इसके बुनियादी ढांचे में कई तरह की खामियां हैं। साथ ही फ्यूल भी आने वाले कुछ सालों में खत्म हो जाएगा। ऐसे में Hydrogen Vehicles भविष्य में आम फ्यूल और इलेक्ट्रिक वाहनों को पछाड़कर सबसे आगे निकल सकते हैं।
यही वजह है कि Nitin Gadkari हाइड्रोजन वाहनों पर इतना जोर दे रहे हैं। नितिन गडकरी के प्लान से साफ है कि भारत में साल 2030 तक हाइड्रोजन वाहनों का अच्छा-खासा दबदबा नजर आ सकता है। आपको बता दें कि हाइड्रोजन को हाई प्रेशर वाले टैंकों में एकत्रित किया जाता है। हाइड्रोजन फ्यूल सेल्स बिजली का उत्पादन करते हैं, जिसकी मदद से हाइड्रोजन वाहन में दी गई इलेक्ट्रिक मोटर काम करती है। कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि हाइड्रोजन वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की तुलना में ज्यादा रेंज देखने को मिलती है। हाइड्रोजन का सबसे बड़ा फायदा है कि इसके इस्तेमाल से ग्रीनहाउस गैसों पर निर्भरता कम हो सकती है।