8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों बेसब्री से नए वेतन आयोग को लेकर इंतजार कर रहे है, हालांकि केंद्र सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग के ऐलान के 5 महीने बीत चुके है, लेकिन अभी तक कमेटी गठन को लेकर कोई भी अपडेट सामने नहीं आ रही है। वहीं अब केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के मन में कई तरह के सवाल खड़े हो रहा है कि आखिर 8th Pay Commission लागू होने के बाद सैलरी में कितना इजाफा होगा। साथ ही अलग-अलग पदों पर कार्यरत कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी कितनी बढ़ सकती है।
सेना के जवान, इंस्पेक्टर पद कार्यरत कर्मचारियों का मिनिमम सैलरी में होगी इतनी बढ़ोतरी
गौरतलब है कि केंद्रीय कर्मचारियों के मन में लगातार कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है कि 8th Pay Commission लागू होने के बाद मिनिमम सैलरी में कितने प्रतिशत का इजाफा होगा, तो हम आपको बता दें कि वर्तमान में सेना के जवान को 21700 रूपये कि मिनिमम सैलरी प्रदान की जाती है, इसमे अन्य भत्ते अलग है, वहीं अगर केंद्र सरकार 2.86 फिटमेंट फैक्टर तहत सैलरी बढ़ाती है तो मिनिमम सैलरी 62 हजार रूपये तक बढ़ सकती है।
वहीं अगर इंस्पेक्टर की बात करें तो अभी उनका न्यूनतम वेतन करीब 35400 से लेकर 45000 रूपये तक है। वहीं 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद सैलरी करीब 1 लाख रूपये तक मिल सकती है, हालांकि यह तभी मुमकिन हो सकता है जब फिटमेंट फैक्टर 2.86 लागू किया जाए।
8th Pay Commission के तहत कब कमेटी की जाएगी गठित
इस साल के जनवरी महीने में केंद्र सराकार ने करीब 1 करोड़ केंद्र कर्मचारियों और पेंशनर्स को तोहफा देते हुए 8th Pay Commission लागू करने का ऐलान कर दिया था, हालांकि ऐलान के 5 महीने समाप्त हो चुके है, लेकिन अभी तक कमेटी गठित को लेकर किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई है, माना जा रहा है कि अगले 2 से महीने में कमेटी का गठन हो सकता है, हालांकि इसका अधिकारिक ऐलान होना बाकी है, लेकिन नए वेतन आयोग लागू होने बाद कर्मचारियों की सैलरी में जबदरस्त बढ़ोतरी की उम्मीद है।
8th Pay Commission के तहत अन्य भत्तों में भी जबरदस्त बढ़ोतरी की उम्मीद
जानकारी के मुताबिक 8th Pay Commission लागू होते ही मेट्रों शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में HRA में वृद्धि की उम्मीद है। एचआरए की बात करें तो टियर-1 शहरों में सरकारी कर्मचारियों को अधिक किराया भत्ता मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा अगर डीए की बात करें तो महंगाई भत्ता मुद्रास्फीति और जीवन-यापन की लागत की भरपाई करता है। कर्मचारियों और पेंशनभोगियों दोनों के लिए इसमें संशोधन किए जाने की उम्मीद है। यानि यह साफ है कि नए वेतन के तहत केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की बल्ले-बल्ले हो सकती है।