8th Pay Commission: नए वेतन को लेकर जैसे-जैसे प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की टेंशन लगातार बढ़ती जा रही है। कई महीनों तक कर्मचारियों ने कमेटी गठन का इंतजार किया। इसी महीने केंद्र सरकार ने टीओआर की मंजूरी दी थी। लेकिन 8वें वेतन आयोग को लेकर एक बार फिर 1 करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स की टेंशन बढ़ गई है। दरअसल चौथे वेतन से 7वें वेतन आयोग तक केंद्र सरकार की तरफ से जब भी टीओआर का ऐलान किया गया है।
उसमे यह दर्ज किया जाता है कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स का बढ़ा हुआ पैसा कब से मिलेगा। लेकिन इस बार टीओआर में ऐसी कोई जानकारी नहीं है। जिसके बाद सवाल खड़ हो रहा है कि क्या सरकार पुराना नियम बदलने जा रही है। चलिेए आपको बताते है इससे जुड़ी सभी अहम जानकारी।
8th Pay Commission के तहत क्या बदलने जा रहा है पुराना नियम
केंद्र सरकार की तरफ से टीओआर को मंजूरी के बाद भी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की टेंशन लगातार बढ़ती जा रही है। सवाल यह भी उठा रहा है कि क्या 8वेंं वेतन आयोग के नियम बदलने जा रहे है। मालूम हो कि इसी महीने 3 नवंबर को केंद्र सरकार ने टीओआर लागू किया था। लेकिन इस टीओआर में उस तारीख का जिक्र ही नहीं है जिससे 8वें वेतन आयोग की सिफारिशे लागू होगी।
बता दें कि चौथे वेतन आयोग से लेकर सातवें वेतन आयोग हमेशा 10 साल के अंतराल पर 1 जनवरी से लागू की गई है। लेकिन 8वें वेतन आयोग में ऐसी कोई भी जानकारी नहीं दी गई है। जिसके बाद सवाल यह उठ रहा है कि क्या नए वेतन आयोग में होने वाले बदलाव 1 जनवरी 2026 से नहीं मिलेगा। यही कारण है कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की टेंश बढ़ गई है।
तीन बड़े संगठनों ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
टीओआर जारी होने के बाद तीन बड़े संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भेजकर अपनी शिकायत दर्ज की है। बीपीएस ने मांग की है कि टीओआर में साफ लिखा जाए कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से ही लागू मानी जाए। ऐसा हर पे कमीशन के साथ होता आया है। बीपीएस ने अपने पत्र में कहा है कि पेंशन को अनफंडेड कॉस्ट बताना गलत है। उनका कहना है कि पेंशन कोई दान नहीं है। पेंशन एक हक है। सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले इसे संवैधानिक अधिकार बताते हैं।
इसलिए टीओआर से इस शब्द को हटाने की मांग की गई है। देश भर में 2004 के बाद भर्ती हुए लगभग 26 लाख कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम यानी ओपीएस वापस लाने की मांग कर रहे हैं। बीपीएस ने कहा है सरकार एनपीएस, यूपीएस और ओपीएस तीनों की समीक्षा करके बेहतर और सुरक्षित विकल्प समझाए।
