Dearness Allowance: हताशा भरे एक वायरल दावे ने रिटायरमेंट की कगार पर खड़े सरकारी कर्मचारियों के मन में कई सवालों को जन्म दे दिया है। वायरल दावे के मुताबिक डियरनेस अलाउएंस यानि महंगाई भत्ते को लेकर तमाम तरह की बातें कही जा रही हैं। क्या सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद Dearness Allowance का लाभ नहीं मिलेगा? रिटायर्ड कर्मचारी क्या 8th Pay Commission जैसे भविष्य के वेतन सुधारों का लाभ नहीं ले सकेंगे? इस तरह के तमाम सवाल हैं जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हैं। ऐसे में आइए हम वायरल दावों की पड़ताल करते हुए सभी सवालों का जवाब देने की कोशिश करते हैं।
रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों को क्या नहीं मिलेगा Dearness Allowance का लाभ?
इस दावे से जुड़े सवाल आपको निश्चित रूप से कई रिपोर्ट्स या सोशल मीडिया पर मिल जाएंगे। डियरनेस अलाउएंस या 8वें वित्त आयोग को लेकर उठते सवालों के बीच जब पड़ताल की गई, तो वायरल दावों से जुड़ी कोई वास्तविक कड़ी नहीं नजर आई। वित्त अधिनियम 2025 के नए नियमों के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों से कथित रूप से वंचित करने संबंधी रिपोर्ट के दावे की बात करें, तो नियम 37 में किए गए बदलाव का महंगाई भत्ते या वेतन आयोग के लाभों से कोई लेना-देना नहीं है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि सरकार ने इस प्रकार के किसी भी बदलाव के संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक सूचना या पुष्टि जारी नहीं की है। ऐसे में ये दावा करना कि रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों को Dearness Allowance का लाभ नहीं मिलेगा, यह दावा करना भ्रामक है।
ये पहले भी स्पष्ट किया जा चुका है कि वित्त अधिनियम 2025 का प्रावधान केवल 1 जून, 1972 से लागू मौजूदा नियमों को पुनः पुष्टि करता है। इसमें नागरिक या रक्षा पेंशन में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। सेवानिवृत्ति एवं पेंशन विभाग (DoP&PW) ने यह भी स्पष्ट किया है कि सातवें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) द्वारा लागू की गई पेंशन समानता बनी रहेगी।
संशोधित नियम का सरकारी कर्मचारियों पर कितना पड़ेगा असर?
यदि हम बात संशोधित नियम 37(29)(क) की करें, तो इसके अनुसार, यदि किसी कर्मचारी को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में अवशोषित करने के बाद किसी बाद की दुष्प्रवृत्ति के कारण सेवा से बर्खास्त या हटाया जाता है, तो स्थिति बदलेगी। इससे न केवल उपक्रम में की गई सेवा बल्कि पूर्व सरकार में की गई सेवा के सेवानिवृत्ति लाभ भी जब्त हो जाएंगे। इसके साथ ही, बर्खास्तगी, सेवा से हटाए जाने या छंटनी के मामले में उपक्रम का निर्णय संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय द्वारा समीक्षा के अधीन होगी। ऐसे में ये संशोधित नियम 37(29)(क) कर्मचारियों को प्रभावित कर सकता है।