Income Tax News: आईटीआर रिफंड को लेकर अभी भी करदाताओं के मन में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है। सितंबर में आईटीआर दाखिल करने के बाद भी अभी तक बड़ी संख्या में करदाताओं को रिफंड नहीं मिला है। कई करदाताओं को पोर्टल पर “प्रोसेस्ड” दिखाई दे रहा है, जबकि बैंक खाते में पैसा गायब है, या उन्हें “रिफंड विफल” जैसे नए स्टेटस संदेश मिल रहे हैं। जानकारी के मुताबिक लगभग 1.30 करोड़ रिटर्न अभी भी लंबित हैं। 32 लाख अन्य रिटर्न ई-सत्यापन की प्रतीक्षा में हैं। माना जा रहा है कि रिफंड में भी इसी कारण से देरी हो सकती है।
इस कारण से आईटीआर रिफंड में आ रही है देरी
इस साल की देरी के लिए कई अतिव्यापी मुद्दे ज़िम्मेदार हैं, जिनमें कड़े सत्यापन फ़िल्टर से लेकर नए प्रक्रियात्मक नियम और करदाता-पक्ष की गलतियां शामिल है।
उन्नत जाँच और सख्त सत्यापन – आयकर विभाग ने 2025 में अपने रिफंड सत्यापन फ़िल्टर कड़े कर दिए हैं। ये स्वचालित प्रणालियाँ संभावित रूप से जोखिम भरे या गलत रिफंड दावों की पहचान कर लेती हैं। इसलिए, 1 लाख रुपये से अधिक के रिफंड अक्सर अतिरिक्त समीक्षा या मैन्युअल सत्यापन के अधीन होते हैं।
गलत जानकारी दर्ज करना – दाखिल किए गए आईटीआर और फॉर्म 26AS, AIS (वार्षिक सूचना विवरण) या TIS (करदाता सूचना सारांश) जैसे तृतीय-पक्ष डेटा स्रोतों के बीच बेमेल के कारण काफी देरी होती है।
करदाताओं द्वारा विलंबित ई-सत्यापन – कई करदाता अनजाने में समय पर ई-सत्यापन न करके अपने रिफंड में देरी कर रहे हैं। ई-सत्यापन पूरा होने के बाद ही प्रक्रिया शुरू होती है, चाहे वह आधार ओटीपी, नेट बैंकिंग या आईटीआर-वी फॉर्म पोस्ट करके हो। सत्यापन की प्रतीक्षा में रिटर्न लगभग अधर में लटके हुए हैं, यानी रिफंड की घड़ी अभी शुरू ही नहीं हुई है।
रिफंड नहीं मिलने पर करदाता ने विकल्पों का करें उपयोग
अगर आपने सभी सही दस्तावेजों के साथ आईटीआर रिफंड दाखिल कर दिया है, और अभी तक आपके खाते में आईटीआर रिफंड नहीं आया हैै, तो सबसे पहले अपना अकाउंट डिटेल चेक करें की वह सही है या नहीं अगर अकाउंट में किसी प्रकार की गलती नहीं होती है, तो करदाता इनकम टैक्स पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते है, जिसके बाद आयकर विभाग की तरफ से अपडेट दिया जाएगा कि आखिर अभी तक रिफंड आया क्यों नहीं है, या फिर विभाग की तरफ से आपके अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाए।
