India’s First Private Train: भारत में एक बड़ी आबादी है, जो अपने गंतव्य तक पहुंचाती है, लेकिन पिछले कुछ सालों से ट्रेनों का पूरी कायाकल्प हो चुके है, तेजस से लेकर वंदे भारत ट्रेनों की एंट्री हो चुकी है, जिसकी मदद से बहुत कम समय में यात्री अपने गंतव्य तक पहुंचते है। इसके अलावा इन ट्रेनों में खाने के साथ सभी प्रकार की आधुनिक सविधाएं मिलती है, जिससे यह ट्रेनें और लग्जरी बन जाती है। लेकिन क्या आपको बता है कि भारत में पहली प्राइवेट ट्रेन कब लॉन्च हुई थी और किस रूट पर इसका संचालन शुरू हुआ था। इस लेख के माध्यम से बताएंगे इससे जुड़ी सभी अहम जानकारी।
India’s First Private Train कैसे साबित हुई गेमचेंजर
बता दें कि भारत की पहली प्राइवेट ट्रेन की शुरूआत साल 2019 में हुई थी। शुरूआत के समय माना जा रहा था कि ट्रेन में पैसेंजर्स यात्रा नहीं करेंगे क्योंकि इस ट्रेन का किराया काफी ज्यादा है। लेकिन इसके उलट दिल्ली-लखनऊ रूट पर ट्रेनों की आवाजाही के बाद भी इस ट्रेन में कई दिनों से लगातार वेटिंग चलती है। इस ट्रेन में वातानुकूलित कोच, स्वचालित दरवाजे, ऑनबोर्ड इंफोटेनमेंट, वाई-फाई और सीसीटीवी निगरानी, व्यक्तिगत रीडिंग लाइट और स्नैक ट्रे, ये विशेषताएँ इसे भारतीय रेल की सबसे तकनीकी रूप से उन्नत ट्रेनों में से एक बनाती हैं।
राजधानी, तेजस या वंदे भारत कौन है बेहतर विकल्प
अगर आप राजधानी, तेजस और वंदे भारत ट्रेन की बात करें तो यह ट्रेने अपने आप में ही काफी आधुनिक है। लेकिन अगर भारत की पहली प्राइवेट ट्रेन की बात करें तो यह तेजस राजधानी है, जिसका आज भी प्रतिदिन दिल्ली से लखनऊ तक संचालन होता है। अगर इन ट्रनों के किराए की बात करें तो आईआरसीटीसी तेजस एक्सप्रेस: एसी चेयर कार का किराया 1679 रूपये है, तो एग्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 2457 रूपये होगा। शताब्दी एक्सप्रेस – एसी चेयर कार का किराया – 1255 रूपये तो एग्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 1955 रूपये है। वंदे भारत एक्सप्रेस – एसी चेयर कार का किराया 1255 रूपये है। एग्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 2415 का हो जाता है। वहीं राजधानी की बात करें तो 1590 3 एसी, 2105 2 एसी, 2630 1 एसी है।






