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Union Budget 2023: मिडिल क्लास पर होम लोन और EMI का बढ़ता बोझ, आसमान छूती महंगाई के बीच क्या टैक्स स्लैब में बदलाव करेगी सरकार

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Union Budget 2023

Union Budget 2023: केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को 2023-24 के आम बजट को संसद में पेश करेंगी। मोदी सरकार के इस बार के बजट से आम लोगों ने काफी उम्मीदें लगा रखी हैं। देश का मिडिल क्लास इस वक्त काफी बड़ी आर्थिक तंगहाली से गुजर रहा है। इसके पीछे कई कारण हैं। हर साल बढ़ती महंगाई ने लोगों के बजट को इतना बिगाड़ दिया है कि अब आटा और चावल भी उनकी थाली से छिनने की नौबत आ गई है। ऐसे में इस बार के आम बजट में नौकरीपेशा को कुछ राहत मिलेगी? या फिर हर बार की तरह इस बार भी सिर्फ निराशा ही हाथ आएगी। ये सवाल हर नौकरीपेशा के मन में बार-बार उठकर ऊपर आ रहा है।

मिडिल क्लास पर रेपो रेट की मार

देश का मिडिल क्लास इस समय सबसे ज्यादा परेशान है और उसकी परेशानियां सिर्फ बजट में टैक्स राहत से ही मिल सकती है। आपको बता दें कि मिडिल क्लास की परेशानी इस बात से समझी जा सकती है कि भारतीय रिजर्व बैंक यानि कि RBI ने पिछले साल मई 2022 से दिसंबर तक रेपो में 225 बेसिस पाइंट का इजाफा किया है।

इसका सीधा सा असर हुआ कि होम लोन की ब्याज दरें बढ़ गई और EMI का जाल लोगों पर बढ़ गया। साथ ही होम लोन का टेन्योर लंबा हो गया। आम लोगों को बढ़ी हुई ब्याज दरों ने काफी परेशान किया है, जिसका नतीजा ये हुआ कि कई सालों तक EMI भरने के बाद भी लोगों पर होम लोन का बोझ कम होने की बजाय बढ़ गया।

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होम लोन के ब्याज पर मिलने वाली छूट को बढ़ाने की मांग

इतनी ही नहीं लोगों को होम लोन पर लगने वाले ब्याज पर मिलने वाली छूट 2 लाख रुपये ही बनी हुई है, जबकि होम लोन लेने वाला कई सालों से ब्याज भर रहा है। इसका मतलब है कि इनकम टैक्स छूट के तहत होम लोन के ब्याज पर मिलने वाली राहत अब भी 2 लाख रुपये ही है। ऐसे में इस बार नौकरीपेशा लोगों को उम्मीद है कि इस लिमिट को बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जाएगा।

होम लोन ब्याज का बढ़ता बोझ

वहीं, होम लोन महंगा होने के बाद ईएमआई का बोझ भी बढ़ गया। RBI द्वारा रेपो रेट में इजाफा करने से इसका सीधा असर पड़ा है। आइए जानते हैं कि EMI पर कितना प्रभाव पड़ा। एक उदाहरण से समझते हैं कि होम लोन ब्याज का कितना बोझ बढ़ गया है।

अगर आपने अप्रैल 2022 में 15 साल के लिए 30 लाख रुपये का होम लोन 7.50 फीसदी की दर से लिया। इस दर से आपकी मासिक EMI 27810 रुपये होगी। इस तरह से आपको होम लोन के पहले साल में 221184 रुपये ब्याज के तौर पर देने होंगे। अगर ब्याज दर और EMI उतनी ही रहती तो आपको तीसरे साल 203032 रुपये ब्याज की अदाएगी करनी पड़ती। मतलब कि जितनी होम लोन के ब्याज पर छूट हासिल है, 2 लाख रुपये।

ब्याज दरों में 2.25 फीसदी का इजाफा

मगर ऐसा हुआ नहीं और अप्रैल से दिसंबर 2022 के बीच ब्याज दरों में 2.25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इससे होम लोन की नई दर 9.75 फीसदी हो जाएगी। इससे आपको पहले से ज्यादा समय तक EMI भरनी होगी। साथ ही आपको 27810 रुपये महीने की EMI की जगह अब 31781 रुपये भरने होंगे।

इससे आप समझ गए होंगे कि RBI ने ब्याज दरों में जितनी वृद्धि की है, उससे होम लोन की दरों में इजाफा हुआ है। इससे लोगों पर EMI का सीधा बोझ बढ़ गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, RBI द्वारा रेपो रेट बढ़ाने से लोगों पर EMI का बोझ 15 से 30 फीसदी तक बढ़ गया है।

वर्तमान रेपो रेट 6.25 फीसदी

आपको बता दें कि अगस्त 2018 के बाद से रेपो रेट की दरों में कोई भी इजाफा नहीं हुआ था। मई 2022 से पहले 4.00 फीसदी की दर पर रेपो रेट थी, मगर मई की आपात बैठक में रेपो रेट में 0.40 फीसदी का इजाफा होने के बाद रेपो रेट 4.40 फीसदी हो गई। इसके बाद ये सिलसिल शुरु हुआ और अभी भी जारी है। आपको बता दें कि वर्तमान में रेपो रेट 6.25 फीसदी है।

आगामी चुनाव को लेकर मिलेगी राहत

गौरतलब है कि अगले साल देश में लोकसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार अपने सबसे बड़े वोट बैंक को बचाने के लिए इनकम टैक्स में कुछ राहत दे सकती है। ऐसा कहा जा रहा है कि निवेश को बढ़ाने के लिए सरकार आयकर के नियम 80C के तहत टैक्स छूट हासिल करने की लिमिट को कम से कम 2.50 लाख रुपये करें, जो अभी 1.50 लाख रुपये है। इसके साथ ही खाने-पीने की जरूरी चीजों पर सरकार ने टैक्स को बढ़ा दिया है।

ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री इस बार कई जरूरी चीजों पर लगने वाले टैक्स को कम या फिर खत्म कर सकती है। ऐसा करके सरकार दो निशाने साध सकती है। इससे आम लोगों को बढ़ती महंगाई से राहत मिलेगी वहीं, दूसरी ओर अगले साल के आम चुनावों में सरकार मिडिल क्लास से वोट लेना चाहेगी।

इनकम टैक्स की बेसिक स्लैब में हो सकता है बदलाव

इससे साथ ही लोगों को भारी उम्मीद है कि वित्त मंत्री इस बार इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव करेंगी। मिडिल क्लास को बड़ी उम्मीद है कि इनकम टैक्स की बेसिक स्लैब में छूट की सीमा को बढ़ाया जाएगा। मोदी सरकार अपने आखिरी पूर्ण बजट में मिडिल क्लास को बड़ी राहत दे सकती है।

इन्हें नहीं मिलता टैक्स रिबेट

आपको बता दें कि काफी लोगों को इस बात से दिक्कत है कि 5 फीसदी के बाद सीधे 20 फीसदी का टैक्स स्लैब है। अगर आपकी सालाना आय 5 लाख से ज्यादा है तो आपको 12500 रुपये का टैक्स रिबेट भी नहीं मिलता है। 5 से 10 लाख की सालाना आय पर 20 फीसदी का टैक्स यानि कि 1 लाख रुपये का टैक्स देना होता है। आम लोगों को ये उम्मीद है कि सरकार 2.50 लाख से 5 लाख रुपये के बीच लगने वाले 5 फीसदी टैक्स स्लैब को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दे। मतलब है कि जो भी टैक्स लगे वो 5 लाख से अधिक की आय पर लगे। इसके साथ ही 10 लाख से अधिक की आय पर 30 फीसदी टैक्स देना होता है।

इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि साल 2022 मिडिल क्लास के लिए काफी कठिन रहा है। पेट्रोल-डीजल, CNG-PNG से लेकर आटा तक के दाम आसमान छू रहे हैं। यही वजह है कि 2.50 लाख रुपये की टैक्स स्लैब को खत्म करके कम से कम टैक्स स्लैब 5 लाख रुपये करने की मांग की जा रही है।

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